नई दिल्ली। रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने अचानक संन्यास का ऐलान कर हर किसी को चौंका दिया है। ऑस्ट्रेलिया में जारी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे मुकाबले में उन्हें प्लेइंग XI में मौका मिला, मगर तीसरे टेस्ट के लिए उन्हें फिर से ड्रॉप कर दिया गया। जैसे ही गाबा टेस्ट खत्म हुआ तो इस दिग्गज स्पिनर ने संन्यास का ऐलान कर हर किसी को हैरान कर दिया। अश्विन के इस अप्रत्याशित रिटायरमेंट पर अलग-अलग राय बन गई है।कुछ पूर्व खिलाड़ियों का कहना है कि उन्होंने सीरीज खत्म होने का इंतजार क्यों नहीं किया। अश्विन तत्काल ही टीम का साथ छोड़ भारत वापस लौट चुके हैं। इस मुद्दे पर बात करते हुए पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज बासित अली ने कहा कि अगर विराट कोहली इस समय भारत के कप्तान होते, तो वह अश्विन को बीजीटी के अंत तक रुकने के लिए मना लेते।
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “अगर राहुल द्रविड़ या रवि शास्त्री भारत के कोच होते तो वे भी अश्विन को इस समय संन्यास नहीं लेने देते। यह बुरा है कि रोहित और गंभीर उन्हें मना नहीं पाए और कह नहीं पाए कि ‘इस समय नहीं, इन दो टेस्ट मैचों में तुम्हारी जरूरत है’ और निश्चित रूप से सिडनी में।”
बासित ने साथ ही कहा कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें आप बोल नहीं सकते, लेकिन फिर भी समझ में आ जाती हैं। बॉडी लैंग्वेज सब कुछ बता देती है; जिस तरह से उन्होंने (अश्विन) ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली को गले लगाया। मैं मानता हूं कि वह पहले जैसा गेंदबाज नहीं है, लेकिन इतना बुरा भी नहीं कि आप उस पर इतना दबाव डालें…537 (टेस्ट) विकेट बहुत हैं। अश्विन अनिल कुंबले (619) के बाद भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
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