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कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी शेट्टार के ऑफिस में क्‍यों लटक रही मोदी-शाह की फोटों? ये है वजह

May 05, 2023

बेंगलुरु (Bangalore) । कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Karnataka) और चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ कांग्रेस के पाले में शामिल हुए जगदीश शेट्टार (Jagdish Shettar) का कहना है कि वह अपने घर और कार्यालयों की दीवारों से पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह (PM Narendra Modi and Home Minister Amit Shah) की तस्वीरें नहीं हटाएंगे। वे इस वक्त कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। शेट्टार का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव (assembly elections) में भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने से वह जरूर आहत हुए चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को समझाने में शर्मिंदगी भी महसूस हुई लेकिन अब जनता भी समझ चुकी है कि बीजेपी ने उनके साथ कैसा छल किया है?

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने 1994 से भाजपा उम्मीदवार के रूप में हुबली-धारवाड़ केंद्रीय विधानसभा सीट (Hubli-Dharwad Central Assembly Seat) का प्रतिनिधित्व किया है। उनका दावा है कि पार्टी के पास उस विधानसभा में जीत पहले बिल्कुल भी सुनिश्चित नहीं थी। चुनाव में मेरे आने से पहले भाजपा के उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो जाती थी। मैंने इस क्षेत्र में भाजपा का पोषण किया, जिसके बाद यहां की चुनावी लड़ाई शेट्टार बनाम कांग्रेस बन गई।

भाजपा के साथ अपने दशकों पुराने संबंधों को तोड़ने के बाद, शेट्टार ने अपनी कार में कांग्रेस का झंडा जरूर लगाया और नई पार्टी कार्यकर्ताओं संग चुनाव प्रचार में जुटे हैं लेकिन, इस बात पर वो राजी नहीं हैं कि अपने घर और ऑफिस में पीएम मोदी और अमित शाह की तस्वीरें हटाएं।

मोदी-शाह की तस्वीरें अब भी क्यों लटक रही हैं?
अपने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, शेट्टार अपने घर-सह-कार्यालय में समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलते हैं, जिस जगह पर शेट्टार कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं संग चुनाव में मंथन करते हैं, वहां की दीवारों पर पीएम मोदी और अमित शाह की तस्वीरें टंगी हैं। शेट्टार इन तस्वीरों पर कहते हैं, “इसमें आश्चर्य की क्या बात है?” उन्होंने कहा, “एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने के तुरंत बाद पुराने नेताओं की तस्वीरें हटाना अच्छी बात नहीं है। मैं ऐसा नहीं कर सकता।”


आखिरी चुनाव
अतीत में, शेट्टार और उनकी पत्नी ने कई बार दोहराया है कि उनके मन में पीएम मोदी और अमित शाह के लिए सम्मान है। यह उनका आखिरी विधानसभा चुनाव होगा, छह बार के विधायक शेट्टार ने कहा, “यह चुनाव मेरे स्वाभिमान की लड़ाई है, न कि राजनीतिक आकांक्षाओं के लिए। चूंकि मेरे स्वाभिमान को नुकसान पहुंचा था, इसलिए मैं शर्तों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गया।”

आरोप
कर्नाटक के दिग्गज राजनेता का मानना ​​है कि बीजेपी को उन्हें आखिरी बार अपनी सीट से मैदान में उतारकर सम्मानजनक निकास देना चाहिए था। उन्होंने दावा किया, ‘यह महासचिव (संगठन) बी एल संतोष के कारण नहीं हुआ, जिन्होंने अपने करीबी सहयोगी के लिए टिकट की मांग की और यह सब नाटक किया।’ शेट्टार ने आगे कहा कि चुनाव का टिकट इसलिए भी नहीं दिया गया क्योंकि ऐसी आशंकाएं थीं कि वह कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बाद लिंगायतों के बीच नंबर एक के स्थान का दावा कर सकते हैं।

शर्मिंदगी
यह पूछे जाने पर कि क्या अब उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मतदाताओं को समझाने में कठिनाई हो रही है, उन्होंने स्वीकार किया कि शुरुआत में उन्हें “कुछ शर्मिंदगी” का सामना करना पड़ा। धीरे-धीरे मतदाताओं को यह अहसास हो गया कि बिना कोई कारण बताए उन्हें बीजेपी से टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “कोई नहीं जानता कि लोकप्रियता, न आपराधिक पृष्ठभूमि और न कोई भ्रष्टाचार होने के बावजूद मुझे टिकट क्यों नहीं दिया गया। जबकि भाजपा ने 75 वर्षीय लोगों, परिवार के सदस्यों और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को टिकट दिया है।”

जीत पर आश्वस्त
शेट्टार ने कहा कि उन्हें अब तक सकारात्मक सार्वजनिक प्रतिक्रिया मिल रही है और “विकास कार्यों के कारण मैंने अभी भी अपनी लोकप्रियता बनाए रखी है। कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। मैं इस बार भारी बहुमत से अपनी सीट जीतने के लिए आश्वस्त हूं।” उन्होंने कहा कि “गलतफहमी” थी कि पिछले छह चुनावों में उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं और मराठों के समर्थन से जीत हासिल की।

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