ब्रुसेल्स। यूरोपीय देशों में इन दिनों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कों पर उतरे हुए हैं। गुरुवार को यूरोपीय यूनियन की बैठक हुई, जिसमें यूक्रेन को और आर्थिक मदद देने का एलान किया गया। वहीं बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में किसान सड़कों पर उतरे और शहर की कई सड़कों को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने ट्रैक्टर्स से पूरे शहर में मार्च किया और इस दौरान सड़कों पर अंडे फेंके गए, जगह-जगह आगजनी हुई।
यूरोपीय देशों में किसान संगठन नाराज चल रहे हैं। किसानों का आरोप है कि उन्हें खेती के लिए अच्छे पैसे नहीं मिल रहे हैं। साथ ही उन पर टैक्स लादे जा रहे हैं। पर्यावरण संबंधी प्रतिबंधों ने उन्हें और परेशान कर दिया है। यूरोप के किसानों की ये भी शिकायत है कि उन्हें विदेश से कड़ी प्रतिस्पर्धा का भी सामना करना पड़ रहा है। खासकर यूक्रेन से आने वाले सस्ते आयात से उनकी परेशानी कई गुना बढ़ गई है।
बता दें कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते यूरोपीय देशों ने यूक्रेन से आने वाले कृषि आयात को कई छूट दी हैं, जिससे यूक्रेन समेत अन्य देशों से सस्ती कृषि उपज यूरोप के बाजारों में आ रही है, जिससे स्थानीय किसानों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है इससे वे नाराज हैं।
गुरुवार को बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में करीब एक हजार ट्रैक्टर्स सड़कों पर उतरे। किसान यूरोपीय यूनियन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनकी परेशानी पर भी ध्यान दिया जाए और उनके लिए आर्थिक मदद का एलान किया जाए। गौरतलब है कि प्रदर्शन के बाद बेल्जियम के प्रधानमंत्री ने भी किसानों की परेशानियों पर चिंता जाहिर की है और इस मुद्दे पर चर्चा की बात कही है। साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं, उनमें कोशिश होनी चाहिए कि किसान बुरी तरह प्रभावित न हो।
हाल के दिनों इटली, स्पेन, रोमानिया, पोलैंड, जर्मनी, पुर्तगाल और नीदरलैंड में भी किसानों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं। फ्रांस की सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उनके लिए आर्थिक मदद का एलान भी किया है। यूरोपीय संघ में भी यूक्रेन से सस्ते कृषि उत्पादों के आयात पर रोक लगाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
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