इंदौर: मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ही जीत हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं. इसी बीच किसानों को खुद से जोड़ने के लिए लगातार घोषणाएं भी की जा रही हैं. कांग्रेस ने 2600 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का समर्थन मूल्य करने का ऐलान किया, जिसके बाद बीजेपी ने 2700 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने की घोषणा कर दी है.
मध्य प्रदेश की राजनीति में ऐसा माना जाता है कि जिस पार्टी ने किसानों का दिल जीत लिया, उसे सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता है. इसी वजह से विधानसभा चुनाव एक बार फिर गांवों की तरफ मुड़ गया है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने घोषणा की है कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद किसानों का 2,00,000 रुपये तक का कर्ज माफ किया जाएगा. इसके अलावा गेहूं 2600 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदे जाएंगे. यह समर्थन मूल्य धीरे-धीरे बढ़ता चला जाएगा और गेहूं का समर्थन मूल्य 3000 रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊपर चला जाएगा.
65 फीसदी विधानसभा सीटें हैं ग्रामीण क्षेत्र में
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने 2700 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीदने का ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से शहर की विधानसभा सीटों की बात की जाए तो यह 80 के आस-पास है, जबकि शेष 150 विधानसभा सीटें ग्रामीण क्षेत्र में लगती हैं. मध्य प्रदेश में किसान ही राजनीतिक दलों के भाग्य का फैसला करता है. इसी वजह से चुनाव के आखिरी दौर में राजनीतिक पार्टियों ने पूरा फोकस किसानों पर कर दिया है. मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होना है. इसके पहले अभी किसानों को लेकर और भी कई घोषणाएं देखने और सुनने को मिल सकती हैं.
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