भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को खारिज कर दिया है। उनका कहना कि मंत्रिमंडल विस्तार की कोई तिथि तय नहीं है, जब होगा तो पला चल जाएगा। उधर, मंत्री के दावेदार विधायक लगतार सक्रिय हैं। दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंत्रिमंडल विस्तार की भले ही अभी तारीख तय नहीं हुई हो, लेकिन दावेदार पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं। मंत्रिमंडल में जगह पाने की आस लगाए बैठे विंध्य क्षेत्र को सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। इसकी वजह ये है कि शिवराज मंत्रिमंडल के दो बार हुए विस्तार में विंध्य इलाके को तवज्जो नहीं मिल पाई है। जबकि सबसे ज्यादा सीटें भाजपा ने इसी इलाके से जीती थीं। भाजपा विधायक गिरीश गौतम विंध्य क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देने की मांग उठा चुके हैं। सीएम शिवराज ने एक बार फिर कहा है कि फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार में समय है। जब विस्तार होगा तब तारीख का पता चल जाएगा।
6 पदों के लिए 18 दावेदार
शिवराज मंत्रिमंडल में अभी 6 पद खाली हैं। इसके लिए करीब 18 विधायक दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में सीएम शिवराज के लिए मंत्रिमंडल विस्तार करना किसी चुनौती से कम नहीं है। सबसे ज्यादा घमासान विंध्य इलाके को लेकर है। यहां से कई बार जीत हासिल कर चुके विधायक मंत्रिमंडल में जगह पाने की उम्मीद लगा कर बैठे हैं। इससे पहले जो मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था उसमें विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा के कारण नाराजगी दिखाई दी थी। इस बार इस नाराजगी को दूर करने का शिवराज फॉर्मूला क्या होगा इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा, अगले मंत्रिमंडल विस्तार में विंध्य को प्रतिनिधित्व मिलना तय है।
ये नाम हैं रेस में
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया के कट्टर समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट की वापसी होना तय है। इसके अलावा तीन मंत्रियों की हार के बाद छह मंत्री पद बचे हैं। मंत्री पद की दौड़ में संजय पाठक, राजेंद्र शुक्ल, गौरीशंकर बिसेन, रामपाल सिंह, अजय विश्नोई, केदार शुक्ला, सुरेंद्र पटवा, महेंद्र हार्डिया, गिरीश गौतम, कुंवर सिंह टेकाम, नंदनी मरावी, रामेश्वर शर्मा, सीताशरण शर्मा, सुदर्शन गुप्ता, रमेश मेंदोला, अशोक रोहाणी, शारतेंदू तिवारी विधायकों दौड़ में शामिल हैं। लेकिन विस्तार में किसकी लॉटरी लगेगी। अब इसी पर सभी की नजरें टिकी हैं।
कांग्रेस की नजर
शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार पर सिर्फ भाजपा की नहीं, बल्कि कांग्रेस की भी नजरें टिकी हुई हैं। विंध्य इलाके में कांग्रेस को भाजपा के अंदर अंतर्कलह और गुटबाजी होने की उम्मीद है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के मुताबिक शिवराज मंत्रिमंडल में विंध्य इलाके की उपेक्षा हुई है और विस्तार में कैसे उसे साधा जाता है यह देखना होगा।
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