नई दिल्ली। दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस (shraddha murder case) का आरोपी आफताब तिहाड़ जेल में बंद है. शातिर आरोपी गुजरात और एमसीडी चुनाव (gujarat and mcd election) में दिलचस्पी ले रहा है. जानकारी के मुताबिक आफताब ने सेल के बाहर सुरक्षा में तैनात जवानों से गुजरात और दिल्ली एमसीडी चुनाव की जानकारी ली.
जानकारी के मुताबिक शातिर आरोपी आफताब (accused Aftab) चुनाव के मुद्दे पर सुरक्षाकर्मियों से बात करता है. वह पुलिसकर्मियों से चुनाव से जुड़े सवाल पूछता है. साथ ही ये बातचीत करता है कि कौन जीत रहा है, किसकी सरकार बन रही है. हालांकि आफताब जेल में सामान्य तरीके से रह रहा है.
पिछले दिनों दिल्ली पुलिस आफताब को पॉलीग्राफ टेस्ट (polygraph test) के लिए एफएसएल लेकर पहुंची थी, इस दौरान जेल की वैन पर हमला हुआ था. लेकिन इसके बावजूद आफताब को कोई डर नहीं है.
इससे पहले आफताब अमीन पूनावाला ने तिहाड़ जेल में समय बिताने के लिए इंग्लिश की नॉवेल पढ़ने के लिए मांगी थी. जेल सूत्रों ने बताया कि आफताब के अनुरोध पर तिहाड़ जेल (Tihar Jail) अधिकारियों ने उसे ‘द ग्रेट रेलवे बाजार’ नॉवेल दी. नॉवेल देने से पहले जेल अधिकारियों ने मंथन किया और फिर इस किताब को देने का निर्णय लिया था. अधिकारी चाहते थे कि ऐसी किताब देना चाहिए, जिससे आफताब किसी और को या खुद को नुकसान ना पहुंचाए या वो किताब क्राइम बेस्ड ना हो.
कोर्ट ने आफताब पूनावाला को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद उसे तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया. आफताब को तिहाड़ की जेल नंबर 4 में रखा गया है. लेकिन सुरक्षा कारणों से शातिर को अलग सेल में रखा गया है. यहां उस पर सीसीटीवी से 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है.
तिहाड़ जेल में आफताब को जिस सेल में रखा गया है, इसे सेपरेट सेल कहा जाता है. जिसमें सिर्फ एक कैदी को ही रखा जाता है. इस सेल से कैदी को जल्दी निकाला नहीं जाता. इसमें रहने वाले कैदी को पुलिस की मौजूदगी में खाना दिया जाता है और सेल के बाहर एक सुरक्षाकर्मी हमेशा तैनात रहता है. इस सेल के कैदियों को बाकी कैदियों से अलग रखा जाता है.
आफताब (28) ने मई महीने में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉल्कर की दिल्ली में गला घोंटकर हत्या कर दी थी. उसके बाद बॉडी को टुकड़ों में काटकर दक्षिण दिल्ली के महरौली में फेंक दिया था. आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़ों को कई दिन तक रेफ्रिजरेटर में रखा था. बाद में श्रद्धा के परिजन की शिकायत पर आफताब पर शिकंजा कसा गया और पूरे मामले का खुलासा हो सका था.
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