रांची (Ranchi)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Former Chief Minister of Jharkhand Hemant Soren) के दिल्ली आवास से जब्त की गई BMW कार किसकी है? ये सवाल अब रहस्य बनता जा रहा है। जांच एजेंसी अबतक ये स्पष्ट तौर पर पता नहीं लगा सकी है कि नीली BMW कार किसके नाम पर है। ईडी को मिले नए डाक्यूमेंट्स (new documents) से पता चला है कि कार कांग्रेस सांसद धीरज साहू की कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। वहीं, एजेंसी के पास मौजूद कुछ इलेक्ट्रॉनिक सबूतों से पता चलता है कि खरीदारों ने इसे सोरेन को सौंप दिया था। हालांकि कार के सियासी कनेक्शन के बारे में छानबीन की जा रही है।
ईडी ने कार की खरीददारी रसीद और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए हैं, जिससे पता चलता है कि इसे एक कंपनी के नाम पर खरीदा गया था, जिसका पता साहू के स्वामित्व वाले परिसरों में से एक से जुड़ा है। खरीद के कागजात के अलावा, एजेंसी ने कुछ आरोपियों के जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल से इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी बरामद किए हैं। सबूत के अनुसार ‘ED-HSoren Car’ नाम का व्हाट्सएप ग्रुप है। व्हाट्सएप ग्रुप में हेमंत सोरेन के घर पर भेजी गई कारों के कागजात और संभावित इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को मिटाने के तरीकों पर बातचीत भी की गई।
ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सोरेन की चल-अचल संपत्ति की जांच अभी भी जारी है। अधिकारियों ने कहा कि अगर संपत्ति ईडी द्वारा जब्त की जाती है, तो उसे सबूत और अपराध की आय के रूप में पेश किया जाएगा।
सोरेन की हिरासत बढ़ाने की याचिका में ईडी ने कहा, “आरोपी व्यक्ति ने अपराध से कमाई की है और वह जांच के तहत संपत्तियों से खुद को अलग दिखाने के लिए इस मामले से जुड़े सबूतों को नष्ट करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहा है।” पीएमएलए, 2002 के तहत कार्रवाई करने के लिए अपराध की आय की पहचान करने के लिए जांच और उससे जुड़े धन का पता लगाना आवश्यक है।”
“इस मामले में अन्य लोगों के बयान जारी हैं और पीएमएलए, 2002 की धारा 50 के तहत कार्यवाही के नतीजे की पुष्टि हेमंत सोरेन के बयानों से की जा रही है। इस मामले के संबंध में 7 फरवरी को नए सिरे से तलाशी भी ली गई और नए आपत्तिजनक साक्ष्य सामने आए। निदेशालय ने कहा, ”जब्ती का विश्लेषण इससे जुड़े व्यक्तियों के बयान के आधार पर किया जा रहा है।’
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