नई दिल्ली। कोविड-19 मामलों (Covid-19 Cases) में वैश्विक स्तर पर हो रही बढ़ोतरी के आंकड़े बहुत बड़ी समस्या पैदा कर सकते हैं क्योंकि कुछ देशों में टेस्टिंग(Testing) में भी कमी आई है. डब्ल्यूएचओ (WHO) ने मंगलवार को राष्ट्रों को वायरस (Virus) के खिलाफ सतर्क रहने की चेतावनी(Alert) दी. एक महीने से ज्यादा की गिरावट के बाद, पिछले हफ्ते दुनिया भर में कोविड के मामले बढ़ने लगे, डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कहा, ‘एशिया और चीन के जिलिन प्रांत में इसी के चलते लॉकडाउन लगाया गया है.’
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिसमें तेजी से फैलने वाला ओमिक्रॉन, बीए.2 सबलाइनेज और सार्वजनिक तौर पर स्वास्थ्य और सामाजिक नियमों में कमी भी शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रियेसुस ने संवाददाताओं से कहा, “ये वृद्धि कुछ देशों में परीक्षण में कमी के बावजूद हो रही है, जिसका मतलब है कि हम जो मामले देख रहे हैं वे बड़ी बर्फ की चोटी की नोक के जितने हैं.”
यूरोप में मार्च की शुरुआत में बढ़े केस
कई विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड और यूनाइटेड किंगडम में मार्च की शुरुआत से मामले बढ़ने के साथ यूरोप में एक और कोरोना वायरस लहर का सामना करना पड़ रहा है.
डब्ल्यूएचओ की मारिया वान केरखोव ने ब्रीफिंग में कहा कि BA.2 अब तक का सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट प्रतीत होता है. हालांकि, इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि यह ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोई अन्य नए प्रकार के मामलों में वृद्धि हो रही है.
यूरोप में तस्वीर भी पूरी दुनिया के जैसी नहीं है. उदाहरण के लिए, डेनमार्क ने फरवरी की पहली छमाही में मामलों में संक्षिप्त पीक देखी गई, जिसकी वजह BA.2 वेरिएंट था, जो जल्द ही कम भी हो गया.
अमेरिका में आ सकती है नई लहर
लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी देना शुरू कर दिया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में जल्द ही यूरोप की तरह ही नई वेव आ सकती है, जो संभावित रूप से BA.2 के चलते आ सकती है. इसका कारण कई महीने पहले दी गई वैक्सीन के असर कम होने के बाद कमजोर इम्यूनिटी और पाबंदियों में कमी हो सकता है.
इटली के पडुआ विश्वविद्यालय में इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर एंटोनेला वियोला ने कहा, “मैं प्रतिबंधों में ढील से सहमत हूं, क्योंकि आप दो साल बाद इसे आपातकाल के तौर पर नहीं सोच सकते.”
वियोला ने कहा, “हमें बस यह सोचने से बचना होगा कि COVID अब नहीं है और इसलिए कड़ाई से आवश्यक उपाय बनाए रखें. इसमें अनिवार्य रूप से मामलों की निरंतर निगरानी और ट्रैकिंग, बंद या बहुत भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनने के दायित्व को बनाए रखना शामिल है.”
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