नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण (Coronavirus in India) के मामलों में ठहराव और कुछ राज्यों में नए मामलों की गिरावट की वजह से महामारी को हल्के में मत लेना क्योकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक्सपर्ट ने चेताया है कि खतरा अभी भी बरकरार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वरिष्ठ अधिकारी पूनम खेत्रपाल सिंह (Poonam Khetrapal Singh) ने कहा कि भारत के कुछ शहरों और राज्यों में भले ही कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Infection) के मामलों के एक स्तर पर पहुंचने के बाद बदलाव न हो रहा हो, लेकिन खतरा अब भी बरकरार है और हमारा ध्यान संक्रमण को फैलने से रोकने और स्थिति के अनुसार कदम उठाने पर होना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि देश में कुछ जगहों पर कोविड संक्रमण (covid infection) के मामले कम होने या उनमें कोई बदलाव नहीं होने के संकेत मिले है लेकिन इस प्रवृत्ति पर गौर करने की जरूरत है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बदलाव नहीं होने के सवाल पर डब्ल्यूएचओ में दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि कोविड-19 का खतरा बरकरार है और वर्तमान में संक्रमण फैलने की दर के विपरीत कोई भी देश ‘जोखिम से बाहर नहीं है।”
पूनम खेत्रपाल ने कहा “इसलिए भले ही कुछ शहरों या राज्यों में संक्रमण के मामले स्थिर हों, लेकिन संकट बरकरार है। हमें सतर्क रहने की जरूरत है। हमारा ध्यान संक्रमण (Infection) को फैलने से रोकने, सार्वजनिक स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार कदम उठाने और टीकाकरण का दायरा बढ़ाने पर होना चाहिए। इस महामारी में सभी देशों को यही करने की आवश्यकता है।” आपको बता दे की देश में 21 जनवरी को संक्रमण के 3,47,254 नए मामले सामने आए थे जिसके बाद कोरोना मामलों में गिरावट देखी गई है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, हरियाणा और पश्चिम बंगाल में विशेष रूप से संक्रमण के मामलों में काफी गिराबट देखने को मिली है।
पूनम खेत्रपाल से पूछा गया की क्या वैश्विक महामारी अब स्थानीय महामारी के चरण में पहुंच गई है, इसपर उन्होंने कहा “वर्तमान में हम अब भी वैश्विक महामारी (global pandemic) के बीच हैं और हमारा ध्यान संक्रमण को फैलने से रोकने और जीवन बचाने पर होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “स्थानीय महामारी होने का यह मतलब नहीं है कि वायरस चिंता का कारण नहीं है।” कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से तुलना करते हुए सिंह ने कहा कि ओमिक्रॉन फेफड़े (Omicron Lungs) की बजाय श्वास नली के ऊपरी हिस्से को तेजी से संक्रमित करता है इसलिए भी वायरस का यह स्वरूप तेजी से फैल रहा है। सिंह ने कहा कि सभी देशों में टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और इसमें तेजी लाने की जरूरत है। ओमिक्रॉन से संक्रमण (Infection from Omicron) की तुलना वायरस के अन्य स्वरूपों से करें तो ऐसा प्रतीत होता है कि गंभीर बीमारी और मौत का खतरा कम है, लेकिन संक्रमण के मामलों की अत्यधिक संख्या के कारण कई देशों में बड़ी संख्या में रोगी अस्पताल पहुंच रहे हैं जिससे स्वास्थ्य सेवा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।”
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