नई दिल्ली। डब्ल्यूएचओ (WHO) के तकनीकी प्रमुख रोसमंड लुईस (Rosamund Lewis )ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन (Monkeypox Vaccine)को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि मंकीपॉक्स(Monkeypox ) की वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं हैं. ऐसे में अब लोगों को संक्रमण(infection) के अपने जोखिम को कम करना चाहिए.
उन्होंने यह बयान तब जारी किया है जब दुनिया भर में 92 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के 35,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. वहीं, इस बीमारी से 12 लोगों की मौत हो गई है. लुईस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए इन टीकों के “100 प्रतिशत प्रभावशाली होने की उम्मीद नहीं कर रहा है”.
यूरोप-अमेरिका में ज्यादा आ रहे हैं मंकीपॉक्स के मामले
वहीं, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि पिछले हफ्ते लगभग 7,500 मामले सामने आए, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा हैं. यूरोप और अमेरिका में सबसे ज्यादा मंकीपॉक्स के मामले सामने आ रहे हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं.
इन लोगों को मंकीपॉक्स का ज्यादा खतरा
ज्यादातर लोग आमतौर पर बिना इलाज के ही कुछ हफ्तों में मंकीपॉक्स से ठीक हो जाते हैं. इसके लक्षण शुरू में फ्लू जैसे होते हैं, जैसे बुखार, ठंड लगना और सूजी हुई लिम्फ नोड्स. डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह वायरस छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और ऐसे व्यक्तियों में ज्यादा गंभीर हो सकता है जिनकी इम्युनिटी कम है.
मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus)ब्रोकन स्किन, रेस्पिरेटरी ट्रैक, आंख, नाक और मुंह और शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है. मंकीपॉक्स एक जूनोटिक डिजीज है. यह जानवरों में उत्पन्न होता है और मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में ज्यादा पाया जाता है.
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