जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन World Health Organization (WHO) के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कोरोना वायरस टीकों (Corona Virus Vaccine) की बड़ी आपूर्ति वाले अमीर देशों से वर्ष 2021 के अंत तक बूस्टर खुराकें देने से परहेज करने की अपील (Appeal to rich countriesAvoid giving booster dose this year) की है। इसके साथ ही टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कुछ दवा कंपनियों के एक प्रमुख संघ की ओर से कोरोना वैक्सीन(Corona Vaccine) को लेकर की गई टिप्पणियों पर हैरानी भी जताई है।
टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus)ने यह भी कहा कि वह दवा निर्माताओं के एक प्रमुख संघ की टिप्पणियों पर हैरान हैं, जिन्होंने कहा है कि वैक्सीन की आपूर्ति इतनी अधिक है कि उन देशों में बूस्टर डोज और वैक्सीनेशन दोनों की अनुमति दी जा सकती है, जिन्हें टीकों की सख्त जरूरत तो है, लेकिन वे इनकी कमी का सामना कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ (WHO) प्रमुख ने इससे पहले सितंबर के अंत तक बूस्टर खुराकें देने से परहेज करने का आह्वान किया था, लेकिन अमेरिका और अन्य देश खुराकें देना शुरू कर चुके हैं या कुछ देश अभी संवेदनशील लोगों को खुराकें देने की योजना पर विचार कर रहे हैं।
बता दें कि पहले भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने विश्व के शक्तिशाली देशों से कहा है कि वे कोरोना रोधी टीकों का बूस्टर डोज देने की योजना दो माह के लिए टाल दें। उन्होंने कहा था कि ऐसा करना बेहद जरूरी है ताकि वैक्सीन उपलब्धता में वैश्विक असमानता को कम किया जा सके। साथ ही कोरोना के नए वैरिएंट को फैलने से रोका जा सके।
इससे पहले डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा था कि अमीर देशों में प्रति 100 लोगों को अब तक टीके की करीब 100 डोज दी जा चुकी है जबकि कमजोर आय वाले देशों में प्रति 100 व्यक्तियों पर सिर्फ 1.5 डोज ही दी जा सकी है। अब डब्ल्यूएचओ बूस्टर डोज दिए जाने पर कम से कम इस साल के अंत तक रोक लगाने की गुजारिश कर रहा है ताकि दुनिया की कम से कम 10 फीसद आबादी को वैक्सीन लगा दी जाए।
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