नई दिल्ली। महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को थोड़ी राहत देने वाली खबर है। खुदरा महंगाई दर (retail inflation) के बाद थोक महंगाई दर (Wholesale inflation declines) में गिरावट दर्ज हुई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) (Wholesale Price Index (WPI)) पर आधारित महंगाई दर जुलाई महीने में घटकर 13.93 फीसदी (Inflation rate reduced to 13.93 percent in July) पर आ गई, जो महीने का निचला स्तर है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर जुलाई महीने में घटकर 13.93 फीसदी पर आ गई है, जो महीने का निचला स्तर है। इससे पिछले जून महीने में थोक महंगाई दर 15.18 फीसदी रही थी, जबकि मई में 15.88 फीसदी और अप्रैल महीने में यह 15.08 फीसदी पर थी। हालांकि, थोक महंगाई दर लगातार 16वें महीने दोहरे अंक में बनी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में खाद्य महंगाई दर घटकर 9.41 फीसदी पर पहुंच गई, जो जून में 12.41 फीसदी थी। सब्जियों की महंगाई 56.75 फीसदी से घटकर 18.25 फीसदी रह गई। जुलाई के महीने में मुख्य महंगाई दर घटकर 8.3 फीसदी पर आ गई, जो जून के महीने में 9.2 फीसदी थी। हालांकि, आलू की महंगाई 39.38 फीसदी से बढ़कर 53.50 फीसदी हो गई है।
इसी तरह अंडे, मीट और मछली की महंगाई दर 7.24 फीसदी से घटकर 5.55 फीसदी पर आ गई है। वहीं, प्याज की महंगाई दर -31.54 फीसदी से बढ़कर -25.93 फीसदी पर पहुंच हो गई है। विनिर्मित उत्पाद की महंगाई दर 9.19 फीसदी से घटकर 8.16 फीसदी रह गई है। फ्यूल और पावर इंडेक्स जिसमें एलपीजी, पेट्रोलियम और डीजल जैसे पदार्थ शामिल हैं, ये 40.38 फीसदी से बढ़कर 43.75 फीसदी हो गई।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर में कमी आई थी। अब जुलाई में थोक महंगाई दर घटकर 5 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। इसके बावजूद थोक एवं खुदरा महंगाई दर अभी भी रिजर्व बैंक के ऊपरी तय सीमा से ज्यादा है। (एजेंसी, हि.स.)
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