नई दिल्ली (New Delhi)। खुदरा के बाद थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) (Wholesale Price Index (WPI)) पर आधारित महंगाई दर (fall in inflation) में भी गिरावट आई है। अप्रैल में थोक महंगाई दर घटकर 34 माह (Wholesale inflation fell to a 34-month low) के निचले स्तर -0.92 फीसदी (-0.92 percent) पर आ गई है। इससे पहले मार्च में यह 1.34 फीसदी थी, जबकि पिछले साल अप्रैल महीने में यह 15.38 फीसदी फीसदी रही थी। ये लगातार 11वां महीना है, जब थोक महंगाई दर में गिरावट आई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि थोक महंगाई दर अप्रैल महीने में घटकर 34 महीने के निचले स्तर -0.92 फीसदी पर आ गई है। डब्ल्यूपीआई पर आधारित महंगाई दर में लगातार 11वें महीने गिरावट दर्ज हुई है, जो घटकर शून्य से नीचे चली गई है। थोक महंगाई दर मार्च में 1.34 फीसदी थी, जबकि फरवरी में 3.85 फीसदी रही थी। इससे पहले जून, 2020 में थोक महंगाई दर शू्न्य से 1.81 फीसदी नीचे रही थी।
मंत्रालय के मुताबिक खाने-पीने के सामान और ईंधन और बिजली के दामों में गिरावट आने से थोक महंगाई घटी है। आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थों की महंगाई भी अप्रैल में घटकर 3.54 फीसदी रह गई है, जो मार्च में 5.48 फीसदी रही थी। इसी तरह ईंधन और बिजली क्षेत्र की महंगाई अप्रैल में घटकर 0.93 फीसदी रह गई है, जो मार्च में 8.96 फीसदी रही थी। अप्रैल महीने में विनिर्मित उत्पादों की महंगाई घटकर शून्य से 2.42 फीसदी नीचे रही है, जबकि मार्च में यह 0.77 फीसदी थी। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर घटकर 18 महीने के निचले स्तर 4.70 फीसदी पर रही थी।
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