इन्दौर (Indore)। फर्जी ई-वे बिल से शराब की तस्करी के मामले में पकड़े गए ट्रक के दो ड्राइवरों ने कबूला है कि यह पूरा गोरखधंधा वाट्सएप कॉल पर होता है और उनको हर ट्रिप के 50 हजार रुपए मिले थे। वे अब तक कई बार गुजरात गाड़ी लेकर गए हैं। कुछ दिन पहले जीएसटी विभाग ने इंदौर से गुजरात ले जा रहे दो ट्रकों को पकड़ा था। ये दूध मशीन और पाइप की आड़ में 50 लाख की शराब लेकर जा रहे थे। दोनों मामले जीएसटी विभाग ने पुलिस को सौपे थे। एक मामले में क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया है तो दूसरे मामले में संयोगितागंज पुलिस ने केस दर्ज किया था। दो ड्राइवर राकेश और भेराराम क्राइम ब्रांच की रिमांड पर चल रहे है।
ये गोरखधंधा चार स्टेट में फैला हुआ था। शराब पंजाब से आई थी। ड्राइवर राजस्थान के हैं। ई-वे बिल इंदौर की कंपनी ने जारी किया था और शराब गुजरात जा रही थी। इंदौर की कंपनी फर्जी निकली है, लेकिन ड्राइवरों ने पुलिस को बताया कि उनको कोई ज्यादा जानकरी नहीं है। वाट्सएप कॉल पर उनसे संपर्क होता था। उनको कहा जाता था कि यह गाड़ी खड़ी है और गुजरात में यहां खाली करनी है। वे वहां से गाड़ी लेकर गुजरात जाते थे, जहां फोन पर ही उनको गाड़ी कहां खड़ी करनी है, बताया जाता था। फिर खाली गाड़ी कहां खड़ी है, उनको फोन कर बताते थे और वे गाड़ी लेकर वापस पंजाब चले जाते थे। वे आज तक किसी से नहीं मिले। वे कई बार शराब लेकर गुजरात गए है। उनको एक ट्रिप के 50 हजार रुपए मिलते थे। इसके चलते अब तक गिरोह के सरगना तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है। कंपनी के लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।
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