इंदौर (Indore)। भाजपा का सदस्यता अभियान जोर-शोर से चलाया गया और पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर अदने कार्यकर्ताओं को भी लक्ष्य थमा दिए कि अधिक से अधिक सदस्य बनाना है, जिसके चलते समाज के सभी वर्ग से जुड़े लोगों को उनके व्हाट्सऐप पर सदस्य बनने के मैसेज मिलने लगे, तो पकड़-पकडक़र भी लोगों को सदस्य बना दिया। लगभग सवा करोड़ सदस्य बनाकर भाजपा संगठन ने अपनी पीठ ठोंकी और इंदौर में भी कैलाश-रमेश की जोड़ी ने सबसे अधिक सदस्य बनाए, वहीं अब इन बनाए गए सभी सदस्यों की जांच-पड़ताल की चुनौती भी पार्टी ने दे दी है कि कहीं असामाजिक तत्व तो सदस्य नहीं बन गए।
भाजपा का सदस्यता अभियान देशव्यापी चल रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री से लेकर पार्टी अध्यक्ष सहित सभी मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सांसद-विधायकों को भी नए सिरे से सदस्यता दिलवाई गई। दरअसल, पूर्व में पार्टी ने 11 करोड़ सदस्य बनाए थे और इस बार उसका भी रिकॉर्ड तोडऩे का निर्णय लिया गया, जिसके चलते अभी 15 अक्टूबर तक 9 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिसमें से 7 करोड़ से अधिक सदस्य बनाए जा चुके हैं। दरअसल, पार्टी ने संगठन पर्व सदस्यता अभियान 2024 को इसलिए शुरू किया, क्योंकि हर 6 साल में उसके द्वारा इस तरह का अभियान चलाया जाता है, जिसमें पूरी पार्टी जुट जाती है। मिस्ड कॉल नम्बर सहित अन्य ऐप के जरिए यह सदस्यता दी जा रही है।
इंदौर की भी सभी 9 विधानसभा सीटों पर सदस्य बनाने का अभियान चल रहा है, वहीं पिछले दिनों इसको लेकर कई रोचक जानकारियां भी सामने आई। जैसे कि कोई भाजपा का नेता या कार्यकर्ता किसी दुकान पर सामान खरीदने पहुंचा तो उसके बदले दुकानदार को ही सदस्य बना लिया गया, तो कई कांग्रेसियों को भी इसके मैसेज चले गए, जिसके चलते कांग्रेस ने भी इस सदस्यता अभियान की आलोचना की। दूसरी तरफ बिना सोचे-समझे जो सामने आया उसे भी सदस्यता दे दी गई। मगर बाद में पता चल रहा है कि इनमें कुछ दादा-बहादर, पहलवान, असामाजिक तत्व, तो अन्य उल्टे-सीधे धंधों में लिप्त रहे लोग भी सदस्य बन गए हैं, ताकि वे अपने काले कारनामों से बच सकें। इस तरह के कई मामले पिछले दिनों सोशल मीडिया के जरिए भी उजागर किए गए, जिसके चलते अब तय किया गया है कि जो सदस्य बने हैं, उनका वेरिफिकेशन यानी प्रमाणीकरण भी किया जाए। पहले चरण में सवा करोड़ सदस्य प्रदेशभर में बन गए हैं। अब चूंकि गलत तत्व तो कहीं नहीं जुड़ गए, जिसके चलते सभी शहर और जिलाध्यक्षों को कहा गया है कि वे हर बूथ तक सदस्यता अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं की टोली भेजकर एक-एक सदस्य की जांच-पड़ताल भी करे, जिसमें गंभीर किस्म के आपराधिक प्रकरण या किसी मामले में सजा होना सहित अन्य जांच के बिन्दु तय किए गए हैं।
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