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    चीन में कोरोना से बिगड़ते हालत से WHO चिंतित, टेड्रोस ने चीनी अधिकारियों से मुलाकात कर मांगे आंकड़े

  • December 31, 2022

    नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने चीनी अधिकारियों के साथ मुलाकात की और फिर से डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट द्वारा जारी बयान के अनुसार, चीन में महामारी (Epidemic in China) विज्ञान की स्थिति पर विशिष्ट और वास्तविक समय के आंकड़े मांगे।

    उच्च स्तरीय बैठक में डब्ल्यूएचओ ने अधिक जेनेटिक सीक्वेंसिंग डेटा, अस्पताल में भर्ती, गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) प्रवेश और मृत्यु सहित बीमारी के प्रभाव पर डेटा और टीकाकरण की स्थिति, विशेष रूप से कमजोर लोगों और 60 से अधिक लोगों के लिए टीकाकरण पर डेटा मांगा। डब्ल्यूएचओ ने उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचाने के लिए टीकाकरण और बूस्टर के महत्व को दोहराया।

    चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (national health commission) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने WHO को चीन की उभरती रणनीति और महामारी विज्ञान, वेरिएंट की निगरानी, टीकाकरण(vaccination,), नैदानिक देखभाल, संचार और अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्रों में कार्यों के बारे में जानकारी दी।


    चीन में कोरोना नियमों में ढील देने के बाद चिंताजनक स्थिति
    चीन में कोरोना के गंभीर हालात को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने चिंता जताई है। इससे पहले उन्होंने गुरुवार को कहा था कि चीन में कोरोना नियमों में ढील देने के बाद चिंताजनक स्थिति पैदा हो गई है। विभिन्न देशों द्वारा चीन पर यात्रा पाबंदियों को लेकर भी उन्होंने अपनी राय प्रकट की।

    डब्ल्यूएचओ प्रमुख घेब्रेसियस ने कहा कि कोरोना संक्रमितों के इलाज व टीकाकरण में संगठन मदद देता रहेगा। चीन की चरमराती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सहायता प्रदान की जाएगी। वायरस को ट्रैक करने और उच्च जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण के लिए हम प्रोत्साहन जारी रखेंगे।

    टेड्रोस ने ट्ववीट किया ‘हम चीन के हालात के बारे में चिंतित हैं और चीन को कोविड-19 वायरस को ट्रैक करने और उच्चतम जोखिम वाले लोगों को टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे। हम चीन की स्वास्थ्य प्रणाली की मदद जारी रखेंगे।’ इससे पहले बुधवार को टेड्रोस ने चीन से कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने के लिए मांगे गए आंकड़े साझा करने का आह्वान किया था।

    विभिन्न देशों द्वारा चीन पर लगाई गई यात्रा पाबंदियों का जिक्र करते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि चूंकि, चीन महामारी के आंकड़े नहीं दे रहा है, इसलिए ये देश इस तरह के कदम उठा रहे हैं।उन्होंने कहा कि जब चीन कोरोना को लेकर व्यापक सूचनाएं नहीं देगा तो दूसरे देश अपनी आबादी को महामारी से बचाने के लिए इस तरह के कदम उठाएंगे।

    पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने उम्मीद जताई थी कि अगले साल COVID-19 महामारी को अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं माना जाएगा। लेकिन, इसके बाद ही चीन से रोजाना लाखों नए मामले सामने आ रहे हैं। चीन के शंघाई और बीजिंग सहित बड़े शहर में तेजी से बढ़ते संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।

    चीन में कोविड से बुरा हाल
    चीन में कोविड से बुरा हाल है। अस्पतालों में जगह नहीं है और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार के लिए कतारें लग रही हैं। सड़कें खाली हैं। अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं। वे अस्पतालों में मरीज को फर्श पर रखना पड़ रहा है। कई इलाकों में छात्रों को स्कूल जाने से भी मना कर दिया गया है। शिक्षक और स्कूल स्टाफ संक्रमित हो रहे हैं।

    वुहान के बाद सबसे बड़ी लहर
    तीन साल पहले वुहान में महामारी के प्रकोप के बाद इसे सबसे बड़ी लहर बताया जा रहा है। चीन के अधिकारी असहाय नजर आ रहे हैं। उधर, चीन ने नए साल में कोविड का स्तर ए से घटाकर बी करने का एलान किया है। इससे मरीजों को क्वारंटीन नहीं किया जाएगा। साथ ही अगले माह चीनी नव वर्ष के दौरान बड़ी संख्या में पासपोर्ट व वीजा जारी करने का भी एलान किया है।, ताकि चीनी पर्यटक दूसरे देशों में यात्राएं कर सकें। इसे लेकर विश्व भर में संक्रमण फैलने की आशंका जताई जा रही है।

    चीनी अधिकारियों और डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों ने की बात
    कोविड-19 के मामलों में भारी उछाल के बीच चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने बीजिंग से अधिक जानकारी साझा करने के लिए कहा। उन्होंने महामारी प्रभावित देश से यात्रियों की स्क्रीनिंग करने के लिए भारत जैसे देशों के फैसले की सराहना की।

    चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने ऑनलाइन बैठक के बाद एक बयान में कहा, चीनी अधिकारियों और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने कोविड 19 की स्थित, उपचार और टीकाकरण पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इसमें कहा गया है कि वे दुनिभार में जल्द से जल्द महामारी को खत्म करने में मदद के लिए तकनीकी आदान-प्रदान जारी रखने पर सहमत हुए। चीन में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मौजूदा उछाल से लाखों चीनी संक्रमित हुए, जिससे दुनिया भर में चिंता बढ़ गई।

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