उज्जैन। महाकाल की सवारी में दिनों दिन भीड़ बढ़ती जा रही है। इसे रोकने के लिए किसी भी स्तर पर पहल नहीं देखी जा रही है। ऑनलाइन सवारी देख रहे देशभर के श्रद्धालुओं की तीखी प्रतिक्रिया है कि एक ओर हमें सवारी देखने के लिए घरों में रहने को कहा जाता है वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा सवारी के दौरान सामाजिक दूरी का पालन नहीं करवाया जाता है। यहां तक कि पालकी के समीप रहनेवाले मॉस्क तक निकाल देते हैं चेहरा दिखाने के लिए।
उज्जैन शहर अभी भी संक्रमण के उस बुरे दौर से दूर है, जिसे इस समय भोपाल और इंदोर भुगत रहा है। जबकि उज्जैन में प्रतिदिन कम से कम 10 हजार श्रद्धालु प्रदेशभर से महाकाल दर्शन करने आ रहे हैं। सवारी वाले दिन इससे अधिक संख्या हो जाती है। अनेक ऐसे श्रद्धालु रहते हैं,जो सवारी मार्ग पर अपनी जुगत भिड़ाते रहते हैं कि येन प्रकारेण सवारी को देख लें,दर्शन कर लें। यही कारण है कि सवारी प्रारंभ होने से लेकर रामघाट तक पहुंचने पर जितने लोग रहते हैं,वापसी में रामघाट से हरसिद्धि मंदिर तक दोगुनी संख्या हो जाती है। दो कहार हाल ही में कोरोना पॉजीजिट आए हैं, जिनकी हिस्ट्री में टेम्पल/पुजारी लिखा हुआ है। याने वे सवारी के दौरान अथवा मंदिर में संक्रमित हुए। इस प्रश्न का जवाब किसी के पास नहीं है कि कहारो,पण्डे-पुजारियों के तो टेस्ट सवारी से पहले हो जाते हैं, लेकिन जो लोग नियम तोड़कर सवारी में शामिल हो रहे हैं,उनका क्या? वे तो भीड़ के बीच से आते हैं और वापस भीड़ में शामिल हो जाते हैं?
यहां उठ रहा प्रश्र: शाही सवारी में क्या होगा?
यह प्रश्न इसलिए उठ रहा है कि अभी सामान्य सवारियों के दौरान इतनी अधिक भीड़ सवारी में शामिल हो रही है,ऐसे में शाही सवारीवाले दिन क्या होगा? श्रद्धालुओं का प्रश्न है कि अभी सवारियों का मार्ग परिवर्तित छोटा रखा गया है,जिसमें आवासीय क्षेत्र कम आते हैं। शाही सवारी में यदि बड़ी संख्या में लोग आ गए ओर संक्रमण का कोई कारण बना, तो उसके बाद शहरभर में संक्रमण तेजी से फैल सकता है?
भीड़ को रोकने की जिम्मेदारी पुलिस की: सोजानसिंह रावत
इस संबंध में चर्चा करने पर महाकाल मंदिर प्रशासक सोजानसिंह रावत ने कहाकि कहार,पण्डे-पुजारी और मंदिर समिति के कर्मचारी अधिकारियों का हर सप्ताह कोविड-19 टेस्ट होता है। जो निगेटिव्ह रहते हैं,वही सवारी में अधिकृत पास धारण करके शामिल होते हैं। यही कारण है कि कहार पॉजीटिव्ह आए और उनके सम्पर्क के लोगों को सवारी से अलग कर दिया गया, लेकिन सवारी में बगैर पासधारी अनेक लोग शामिल हो जाते हैं। इन्हे रोकने का काम पुलिस विभाग का है। खासकर रामघाट और लौटते समय हरसिद्धि मंदिर के सामने भीड़ की स्थिति बहुत चिंतनीय रहती है। पुलिस इस बारे में विचार करे।
यह सम्मिलित प्रयास है: एसपी मनोजकुमारसिंह
वहीं एसपी मनोजकुमारसिंह ने कहा कि शाही सवारी की व्यवस्थाओं को लेकर अलग से बैठक होगी। उसमें बहुत सारे बिंदुओं पर विचार किया जाएगा। जहां तक प्रश्र सवारी में बगैर अनुमतिधारकों की भीढ़ बडऩे का है,तो इसके लिए केवल पुलिस विभाग को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। आगे से रामघाट एवं हरसिद्धि पर भीड़ न बढ़े,इसके लिए कलेक्टर से चर्चा करके निर्णय लेंगे। पुलिस ओर प्रशासन का सम्मिलित प्रयास है कोरोना को पराजीत करना और कानून व्यवस्था का तालतेल बैठाना। हम व्यवस्था करते हैं,व्यवस्था प्रशासन बनाता है। मंदिर प्रशासक इस पर विचार करे।
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