• img-fluid

    भ्रष्टाचार के भवन को कौन गिराएगा ?

  • August 29, 2022

    – डॉ. वेदप्रताप वैदिक

    सुपरटेक द्वारा निर्मित नोएडा के दो संयुक्त टावरों का गिराया जाना अपने आप में ऐतिहासिक घटना है। पहले भी अदालत के आदेशों पर कई इमारतें भारत के विभिन्न प्रांतों में गिराई गई हैं लेकिन जो इमारतें कुतुब मीनार से भी ऊंची हों और जिनमें 7000 लोग रह सकते हों, उनको अदालत के आदेश पर गिराया जाना सारे भारत के भ्रष्टाचारियों के लिए एक कड़वा सबक है। ऐसी गैर-कानूनी इमारतें सैकड़ों-हजारों की संख्या में सारे भारत में खड़ी कर दी गई हैं। नेताओं और अफसरों को रिश्वतों के दम पर ऐसी गैर-कानूनी इमारतें खड़ी करके मध्यमवर्गीय ग्राहकों को अपने जाल में फंसा लिया जाता है। वे अपना पेट काटकर किश्तें भरते हैं, बैंकों से उधार लेकर प्रारंभिक राशि जमा करवाते हैं और बाद में उन्हें बताया जाता है कि जो फ्लैट उनके नाम किया गया है, अभी उसके तैयार होने में काफी वक्त लगेगा। लोगों को निश्चित अवधि के दस-दस साल बाद तक उनके फ्लैट नहीं मिलते हैं। इतना ही नहीं, नोएडा में बने कई भवन ऐसे हैं, जिनके फ्लैटों में बेहद घटिया सामान लगाया गया है। ये भवन ऐसे हैं कि जिन्हें गिराने की भी जरूरत नहीं है। वे अपने आप ढह जाते हैं, जैसे कि गुरुग्राम का एक बहुमंजिला भवन कुछ दिन पहले ढह गया था।

    नोएडा के ये संयुक्त टावर सफलतापूर्वक गिरा दिए गए हैं लेकिन भ्रष्टाचार के जिन टाॅवरों के दम पर ये टाॅवर खड़े किए गए हैं, उन टाॅवरों को गिराने का कोई समाचार अभी तक सामने नहीं आया है। जिन नेताओं और अफसरों ने ये गैरकानूनी निर्माण होने दिए हैं, उनके नामों की सूची उ.प्र. की योगी सरकार द्वारा तुरंत जारी की जानी चाहिए। उन नेताओं और अफसरों को अविलंब दंडित किया जाना चाहिए। उनकी पारिवारिक संपत्तियों को जब्त किया जाना चाहिए। जो नौकरी में हैं, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। जो सेवानिवृत्त हो गए हैं, उनकी पेंशन बंद की जानी चाहिए। अदालतों को चाहिए कि उनमें से जो भी दोषी पाए जाएं, उन अधिकारियों को तुरंत जेल भेजा जाए। कुछ नेताओं और अफसरों को चौराहों पर खड़े करके हंटरों से उनकी चमड़ी भी उधेड़ दी जाए ताकि भावी भ्रष्टाचारियों के रोंगटे खड़े हो जाएं।

    यदि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह साहस दिखा सकें तो उनकी छवि ‘भारत के महानायक’ की बन जाएगी। इन 30-30 मंजिला भवनों को बनाने की इजाजत देनेवाली ‘नोएडा अथाॅरिटी’ को सर्वोच्च न्यायालय ने ‘भ्रष्ट संगठन’ की उपाधि से विभूषित किया है। केंद्र और उप्र सरकार को अब इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठना चाहिए। पत्रकार बंधुओं से भी आशा है कि इन गैरकाूननी भवनों के निर्माण-काल से जुड़े नेताओं और अधिकारियों की सूची जारी करें और उनके भ्रष्टाचार का भांडा फोड़ करें। अदालतों में बरसों तक माथाफोड़ी करने की बजाय लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी खबरपालिका को भी इस समय सक्रिय होने की जरूरत है। ईंट-चूने के गैरकानूनी भवनों को गिराना तो बहुत सराहनीय है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है- भ्रष्टाचार के भवन को गिराना। किसकी हिम्मत है, जो इसको गिराएगा?

    (लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं।)

    Share:

    कैट ने सरकार से ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही कानून की मांग की

    Mon Aug 29 , 2022
    -ट्विन टावर ध्वस्तीकरण मामले में जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई न होना निराशाजनक नई दिल्ली। देश में व्याप्त भ्रष्टाचार (Corruption) का प्रतीक यूपी के नोएडा (Noida) में ट्विन टावरों को ध्वस्त (Twin towers demolished) करना बिल्डरों, सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत का भयावह गठजोड़ का बेशर्मी भरा उदाहरण है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved