भोपाल। मध्यप्रदेश में अगला पुलिस महानिदेशक (Director General of police) कौन होगा, इसको लेकर अभी उच्चस्तर पर ही मंथन चल रहा है। वर्तमान DGP विवेक जौहरी (Current DGP Vivek Johri) के कार्यकाल को खत्म होने में अब एक महीने का समय भी नहीं बचा है। विवेक जौहरी 4 मार्च में रिटायर हो रहे हैं। मतलब, एक महीने बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को नया डीजीपी (DGP) मिलने वाला है। एस,पी,आर (S, P, R) में से एक मध्य प्रदेश का नया डीजीपी होगा। एस मतलब सुधीर सक्सेना (Sudhir Saxena), पी मतलब पवन जैन (Pawan Jain), आर मतलब राजीव टंडन (Rajeev Tandon)। अभी सरकार ने यूपीएससी (UPSC) को नामों का पैनल नहीं भेजा है। इस पर रिटायर्ड पुलिस अफसरों (retired police officers) ने चिंता भी जाहिर की है।
सीनियरिटी के हिसाब से सुधीर सक्सेना का DGP बनाना तय माना जा रहा है। वहीं पवन जैन, राजीव टंडन भी डीजीपी की रेस में शामिल हैं। सुधीर सक्सेना ने सरकार को डीजीपी बनने के लिए अपनी सहमति दे दी है। वर्तमान में सक्सेना डेपुटेशन (Deputation) पर दिल्ली में हैं। राजीव टंडन भी प्रभारी डीजीपी (DGP in charge) बन सकते हैं। सरकार ने अभी तक UPSC को नाम का पैनल नहीं भेजा है। इस पर रिटायर्ड DGP ने चिंता जाहिर की है। विवेक जौहरी के बाद नया डीजीपी कौन होगा इस पर सस्पेंस बरकरार (Suspense continues) है। इसमें सुधीर कुमार सक्सेना का नाम पहले नंबर पर आता है।
सुधीर कुमार सक्सेना 1987 बैच के IPS अफसर हैं। वो 2016 से प्रतिनुक्ति पर हैं और फिलहाल सेक्रेटरी (सिक्यूरिटी) केबिनेट सेक्रेटेरिएट दिल्ली में पदस्थ हैं। सक्सेना ग्वालियर (Gwalior) के रहने वाले हैं। वो 2012 से 2014 तक CM टू OSD रह चुके हैं. 2014 से 2016 तक इंटेलिजेंस चीफ (intelligence chief) रहे। उसके बाद 1992 से 2000 तक अलग-अलग जिले में एसपी रहे।
राज्य सरकार (State government) द्वारा 30 वर्ष की सेवाएं पूरी कर चुके आईपीएस अफसरों (IPS officers) के नाम यूपीएससी को भेजे जाते हैं। इसमें उन सभी अफसरों के नाम भेजे जाते हैं, जिनकी सेवाएं न्यूनतम 6 महीने शेष हों। इसके बाद दिल्ली से प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य सरकार डीजीपी की नियुक्ति का आदेश जारी करेगी। सरकार द्वारा भेजी गई वरिष्ठता के आधार पर यूपीएससी तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल राज्य सरकार को वापस भेजती है। इससे से किसी एक को डीजीपी नियुक्त (DGP appointed) किया जाता है।
जिसे डीजीपी बनाना होता है, उसे डीजीपी की सेवानिवृत्ति से कम से कम दस दिन पहले ओएसडी पुलिस मुख्यालय (OSD Police Headquarters) बना कर पदस्थ कर दिया जाता है। लेकिन, इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि सरकार के करीबी राजीव टंडन को प्रभारी डीजीपी बनाकर उनको एक्सटेंशन दिया जा सकता है। इसके बाद मध्य प्रदेश के नये डीजीपी की नियुक्ति होगी। वैसे वरिष्ठता क्रम में तीसरा नाम शैलेश सिंह का भी है। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश के अगले डीजीपी सक्सेना हो सकते हैं। इस मामले में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ही करना है।
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