डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी में बने भव्य हिंदू मंदिर BAPS का उद्घाटन किया. इस मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी शाम 4 बजकर 30 मिनट पर किया गया था. बता दें कि इस मंदिर को BAPS संस्था द्वारा निर्मित कराया गया है. अबू धाबी में बनकर तैयार हुआ यह पहला हिंदू मंदिर है. BAPS यानी बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था चैरिटी धर्मार्थ संस्था है, जो स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़ा हुआ है. इनके ही आराध्य स्वामी नारायण महाप्रभु थे. इनका जन्म उत्तर प्रदेश के छपिया जिले में सन 1486 में हुआ था. आइए जानें कि इस भव्य मंदिर में किन देवी-देवता की आराधना की जाएगी और कौन-कौन सी देव प्रतिमाएं इस मंदिर में स्थापित हैं.
अबू धाबी के मंदिर में किसकी होगी पूजा?
अबू धाबी में बने इस हिंदू मंदिर का संबंध स्वामीनारायण संप्रदाय से है और यहां मुख्य तौर पर इस संप्रदाय के आराध्य स्वामी नारायण महाप्रभु की विशाल प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में विराजमान है. इस मंदिर में प्रार्थनाएं रोजाना सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच आयोजित की जाएंगी.
कौन हैं स्वामी नारायण महाप्रभु?
स्वामी नारायण महाप्रभु का जन्म उत्तर प्रदेश के छपिया जिले में हुआ था. इनको बचपन में घनश्याम पांडे नाम से पुकारा जाता था. बड़े होने पर इन्हें स्वामी नारायण नाम से जाना जाने लगा और बाद में ये स्वामीनारायण संप्रदाय के संस्थापक बने. छपिया श्री राम नगरी अयोध्या से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है. इनको नीलकंठ वर्णी नाम से भी जाना जाता है. बचपन से ही स्वामी नारायण महाप्रभु आध्यात्मिक और शांत प्रवृति के थे. इन्होंने भगवान राम की नगरी अयोध्या में रहकर वेद-शास्त्रों की शिक्षा प्राप्त की. इनकी दिव्य लीलाओं की गाथा के कारण इन्हें अवतार पुरुष माना जाने लगा.
इन हिंदू देवी-देवताओं की भी होगी पूजा
अबू धाबी के BAPS मंदिर में महाप्रभु स्वामी नारायण के अलावा यहां सीता-राम, लक्ष्मण जी, हनुमान जी, शिव-पार्वती का विग्रह, राधा-कृष्ण, श्री गणेश, भगवान जगन्नाथ और भगवान अयप्पा समेत इन देवताओं की प्रतिमा का भी पूजन-अर्चन किया जाएगा.
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