नई दिल्ली: देश में लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav 2024) को लेकर घमासान छिड़ा है. सभी दलों के नेता चुनावी अभियान में जी जान से जुटे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda), कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) से लेकर ममता बनर्जी, योगी आदित्यनाथ, भगवंत मान जैसे नेताओं ने चुनावी मैदान में मोर्चा संभाल लिया है. एनडीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है लेकिन इंडिया गठबंधन बिना किसी चेहरे के मैदान में है. जबकि कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना घोषणा पत्र भी जारी कर दिया. घोषणा पत्र में कांग्रेस ने पांच न्याय और 25 गारंटी पूरे करने के वादे किए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress president Mallikarjun Kharge) ने प्रेस कांफ्रेंस करके ऐलान किया कि पार्टी के न्याय के दस्तावेज में समाज के हर वर्ग के उत्थान और कल्याण को लेकर रोड मैप तैयार किया गया है. लेकिन कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस बात को लेकर पार्टी ने कुछ भी खुलासा नहीं किया है.
कांग्रेस के घोषणा पत्र जारी किए जाने के दौरान राहुल गांधी ने अहम जवाब दिया. मीडिया का सवाल था कि 2009 के घोषणा पत्र में दो तस्वीरें दिखी थीं- इनमें एक मनमोहन सिंह की थी तो दूसरी सोनिया गांधी की. उस वक्त जब ये सवाल किया गया कि कौन होगा पीएम चेहरा तो सोनिया जी ने अपनी तस्वीर छिपा ली थी. अब 2024 के घोषणापत्र में भी दो तस्वीरें हैं- एक तरफ राहुल, दूसरी तरफ खरगे, आखिर कौन होगा पीएम का चेहरा?
कांग्रेस के प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने किसी भी एक नेता का नाम नहीं बताया. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की बैठकों में यही निर्णय लिया गया है कि हमलोग आइडियोलॉजिकल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव के बाद नतीजे को देखते हुए ही ये फैसला किया जाएगा कि प्रधानमंत्री कौन होगा. राहुल गांधी ने वही जवाब दिया जो इंडिया गठबंधन की बैठकों के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ही नहीं बल्कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे नेता दे चुके हैं.
इंडिया गठबंधन में पीएम चेहरे को लेकर पहले से विवाद और मतभेद देखने को मिलता रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन की बैठकों को लेकर शुरुआत में काफी सक्रिय थे. उन्होंने कई बैठकों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था और अपनी बातें रखी थीं. लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान से ही उन्होंने कांग्रेस पर धीमी गति से आगे बढ़ने का आरोप लगाना शुरू कर दिया था. इसके बाद उन्होंने महागठबंधन से रिश्ता तोड़ते हुए फिर से एनडीए का दामन थाम लिया. समझा यही गया कि उन्हें इंडिया गठबंधन में पीएम चेहरा नहीं घोषित किया गया, इसलिए वो खासे नाराज थे.
दूसरी तरफ बीजेपी एक बार फिर प्रधाननंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर पूरे देश में चुनाव लड़ रही है. एनडीए के सारे दल और नेता प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए और उनके नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए अभियान चला रहे हैं. केंद्रीय मंत्री अमित शाह हों या बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा-सभी जनसभाओं में एकसुर से ये कह रहे हैं कि 2024 का चुनाव नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव है. नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे तो देश दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा. साहस के साथ देश हित में पहले से भी बड़े और कड़े फैसले लिए जाएंगे.
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