भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस (Congress in Madhya Pradesh) को एक बार फिर करारी हार का सामना करना पड़ा है. खास बात यह है कि जिस तरह से बीजेपी में मुख्यमंत्री (Chief Minister in BJP) के पद को लेकर कयासों का दौर जारी है. उसी तरह से कांग्रेस की तरफ से नेता प्रतिपक्ष (opposition leader) कौन होगा इसको लेकर भी कयासों का दौर जारी है. माना जा रहा है कि इस बार नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर कांग्रेस चौंका सकती है. क्योंकि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए हैं. लेकिन कई बड़े नेताओं ने इस बार भी जीत हासिल की है. ऐसे में कांग्रेस बड़ा फैसला ले सकती है.
दरअसल, कांग्रेस को भले ही मध्य प्रदेश में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन पार्टी के कई सीनियर और युवा विधायक इस बार भी चुनाव जीतकर आए हैं. ऐसे में कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष चुनने में थोड़ी उलझन जरूर होगी. वैसे कई नेताओं ने दिल्ली की दौड़ लगानी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि कांग्रेस इस बार जातिगत समीकरणों और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही नेता प्रतिपक्ष का चयन करेगी.
कमलनाथ: कमलनाथ को एक बार फिर से नेता प्रतिपक्ष का बड़ा दावेदार माना जा रहा है. हालांकि उनके पीसीसी चीफ रहते हुए ही कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. लेकिन पार्टी को बड़ी हार मिली है. ऐसे में कमलनाथ यह जिम्मेदारी लेते हैं या नहीं यह देखने वाली बात होगी.
अजय सिंह: पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह एक बार फिर इस पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. उन्होंने अपनी परंपरागत चुरहट विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल की है. अजय सिंह पहले भी दो बार यह नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. ऐसे में इस बार भी वह इस पद के प्रबल दावेदार हैं, क्योंकि वर्तमान में कांग्रेस की तरफ से 16वीं विधानसभा में अजय सिंह ही सबसे सीनियर विधायक हैं.
रामनिवास रावत: ग्वालियर-चंबल अंचल से रामनिवास रावत ने भी विजयपुर विधानसभा सीट पर जोरदार वापसी की है. रावत भी नेता प्रतिपक्ष बनाए जा सकते हैं, वह ओबीसी वर्ग से आते हैं, ऐसे में कांग्रेस उन पर भी दांव लगा सकती है.
बाला बच्चन: बाला बच्चन राजपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं, आदिवासी वर्ग से आने के चलते उनका भी दावा मजबूत माना जा रहा है, खास बात यह है कि बाला बच्चन पहले भी कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
उमंग सिंघार: उमंग सिंघार भी लगातार चौथी बार विधानसभा चुनाव जीते हैं. तेज तर्रार सिंघार कांग्रेस की दिग्गज नेता रही स्वर्गीय जमुना देवी के भतीजे हैं, वह राहुल गांधी के करीबी भी माने जाते हैं, ऐसे में सिंघार पर भी कांग्रेस दांव लगा सकती है. सिंघार के नाम पर कमलनाथ भी सहमति जता सकते हैं.
जयवर्धन सिंह: अगर कांग्रेस युवा जोश को तरजीह देती है तो फिर जयवर्धन सिंह इस मामले में सबसे फिट बैठ सकते हैं. वह लगातार तीसरी बार राघौगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं. ऐसे में वह भी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा सकते हैं. कांग्रेस में इस बार कई बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है. जिनमें नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, केपी सिंह, लक्ष्मण सिंह, तरुण भनोट, सुखदेव पांसे. डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ. पीसी शर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, कमलेश्वर पटेल, लाखन सिंह यादव, एनपी प्रजापति और कुणाल चौधरी चुनाव हार चुके हैं. ये वो नेता थे जो 15वीं विधानसभा में मुख्य भूमिका में थे. लेकिन इस बार इन सभी को हार का सामना करना पड़ा है.
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