डेस्क: अमृतसर (Amritsar) में स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) के गेट पर धार्मिक सजा काट रहे पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) पर गोली चली है. वह इस हमले में बाल-बाल बचे हैं. पुलिस ने गोली चलाने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसका नाम नारायण सिंह चौड़ा (Narayan Singh Chowda) है. बताया जा रहा है कि वह सुखबीर बादल पर नजर बनाए हुए था और दो दिन से लगातार मंदिर में मत्था टेकने पहुंच रहा था. वह सुखबीर बादल से धार्मिक बेअदबी से नाराज है. शुरूआती जांच में पता चला है कि वह दल खालसा संगठन (Khalsa Organization) से जुड़ा हुआ है.
पुलिस के एडीसीपी हरपाल सिंह ने जानकारी दी है कि दो दिन से आरोपी नारायण मंदिर में मत्था टेकने आ रहा था. उसकी हरकतें संदिग्ध लग रहीं थीं इसलिए पुलिस उसपर नजर रखे हुए थी. आरोपी के पास से एक हथियार भी बरामद हुआ है. पुलिस पूछताछ कर रही है कि उसने किसके इशारे पर सुखबीर बादल पर हमला किया है. पुलिस की शुरूआती जांच में कहा गया है कि आरोपी धार्मिक कट्टरता से प्रेरित हो सकता है. आरोपी का दल खलासा संगठन से नाम जुड़ रहा है, उसके संस्थापक गजिंदर सिंह की कुछ दिन पहले पाकिस्तान के लाहौर के एक हाॅस्पिटल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. नारायण सिंह ने पाकिस्तान में रहते हुए कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और ‘देशद्रोही’ साहित्य पर एक किताब लिखी थी.
पंजाब पुलिस के मुताबिक, सुखवीर बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह जौड़ा गुरदासपुर जिले के थाना डेरा बाबा नानक इलाके के गांव चौड़ा के वार्ड नबर तीन का रहने वाला है. उसकी जन्म 4 अप्रैल 1956 को चौड़ा गांव में हुआ. नारायण सिंह के पिता नाम चनन सिंह है. उसने अकाली दल के नेता सुखबीर बादल पर फायर किया. वहां मौजूद सुरक्षा बलों ने हमला रोककर उसे गिरफ्तार कर लिया.
नारायण सिंह चौड़ा खुद को गरमख्याली खालिस्तान समर्थक नेता बताता है. वह खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन बब्बर खालसा से भी पूर्व में जुड़ा रहा है. स्वह चंडीगढ़ जेल ब्रेक कांड का भी आरोपी है. साल 2004 में जेल तोड़कर चार खालिस्तानी आतंकी फरार हो गए थे.आरोप है कि नारायण ने इस कांड में आतंकियों की मदद की थी.नारायण सिंह चौड़ा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) UAPA अधिनियम के तहत लंबे वक्त तक जेल में रहने के बाद बेल पर बाहर आया था. उसने अमृतसर सेंट्रल जेल में पांच साल गुजारे हैं.वो बब्बर खालसा, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा हुआ था.उसे 28 फरवरी, 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था.
नारायण सिंह चौड़ा पर अमृतसर के सिविल लाइंस थाने में विस्फोटक अधिनियम के तहत केस भी दर्ज है.वह अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ जिलों में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामलों में भी आरोपी है.नारायण 1984 में पाकिस्तान चला गया था. उसने उग्रवाद के शुरुआती दौर में पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेपों की तस्करी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और ‘देशद्रोही’ साहित्य पर एक किताब लिखी थी.
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