नई दिल्ली (New Delhi)। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जारी की अपनी एक रिपोर्ट में ये बताया है कि भारत में टीबी (TV) के मरीजों की संख्या अन्य देशों की तुलना में काफी ज्यादा है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की तो भारत में लगभग 75 लाख लोग टीबी की बीमारी के शिकार हुए हैं। इसमें से बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी है जिनके ऊपर किसी भी दवा का असर अब नहीं हो रहा है। जिसके पीछे कारण है कि इन लोगों ने टीबी की दवा को बीच में ही खाना छोड़ दिया है। साल 2022 में कुल टीबी के मरीजों में आधे से ज्यादा संख्या पुरुष मरीजों की है। वहीं बात मृत्यु की तो बीते साल टीबी के कारण लगभग 13 लाख लोगों की मौत हो गई।
पहले से बेहतर हुई है स्थिति
पिछले साल भारत की स्थिति आंकड़ों को लेकर काफी ठीक हुई है। हालांकि फिर भी भारत अपने लक्ष्य से काफी पीछे है। पूरी दुनिया के साथ भारत ने भी अपना लक्ष्य साल 2025 तक टीबी मुक्त होने का बनाया था, जिसे पाना अभी तो भारत के काफी मुश्किल लग रहा है।
भारत में सबसे ज्यादा मरीज
भारत सरकार ने जारी किए आंकड़ों के मुताबिक देश के 722 जिलों में भारत सरकार का TB prevention Treatment Program पहुंच गया है। इसके बाद भी देश में सबसे ज्यादा टीबी के मरीज देखने को मिल रहे हैं। WHO के मुताबिक दुनिया के लगभग 27% मरीज भारत से ही दर्ज किए गए हैं। सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए ये भी बताया कि पिछले साल 32% मरीजों ने अपना टीबी ठीक किया लेकिन फिर भी मरीज उतनी ही तेजी से बढ़ भी गए।
TB मरीजों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम
देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए सरकार भरपूर प्रयास कर रही है। पिछले साल सरकार ने टीबी मुक्त करने के लिए बनाई गई योजना नि-क्षय पोषण योजना के तहत 2 हजार 90 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इसके अलावा एक और योजना नि-क्षय मित्र योजना बनाई गई है जिसमें लोगों से टीबी के मरीजों को गोद लेने की अपील की गई है। इसमें सभी जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी अपील की गई है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में टीबी के मरीजों को गोद लें।
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