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    WHO ने चीनी अधिकारियों को लगाई फटकार, पूछा- कोरोना डाटा इंटरनेट पर जारी करने के बाद क्‍यों हटाया?

  • March 18, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस (corona virus) की उत्पत्ति का खुलासा करने वाले वैज्ञानिक अनुसंधान को रोकने के लिए चीनी अधिकारियों (Chinese Officer) को फटकार लगाई है। डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को चीनी अधिकारियों से तीन साल पहले डेटा का खुलासा नहीं करने के कारणों के बारे में भी पूछा और कहा कि जनवरी में ऑनलाइन प्रकाशित होने के बाद फिर इन्हें क्यों हटाया गया?

    इंटरनेट से डेटा गायब होने से पहले वायरस विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने शोध को डाउनलोड किया था और विश्लेषण करना शुरू कर दिया। टीम ने खुलासा किया कि डेटा से यह पता चलता है कि महामारी अवैध रूप से बिकने वाले रैकून कुत्तों से शुरू हो सकती है, उसके बाद उन्होंने चीन के वुहान हुआनान सीफूड होलसेल मार्केट में मनुष्यों को संक्रमित किया था।

    लेकिन टीम अंतिम परिणाम तक नहीं पहुंच सकी क्योंकि जब विशेषज्ञों ने अपने चीनी समकक्षों के साथ विश्लेषण पर सहयोग करने की पेशकश की, तो जीन अनुक्रमों को वैज्ञानिक डेटाबेस से हटा दिया गया। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने कहा, ‘ये आंकड़े तीन साल पहले साझा किए जा सकते थे और साझा किए जाने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि लापता सबूतों को अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ तुरंत साझा करने की जरूरत है।


    आंकड़ों की समीक्षा कर रही विशेषज्ञ टीम के अनुसार, शोध से इस बात के सबूत मिलते हैं कि कोरोना वायरस फैलाने के लिए जाने जाने वाले लोमड़ी जैसे जानवर रैकून कुत्ते वुहान बाजार में उसी स्थान पर डीएनए छोड़ गए थे जहां नए कोरोना वायरस के भी डीएनए मिले थे। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार उस खोज से पता चलता है कि जानवर संक्रमित हो सकते हैं और मनुष्यों में वायरस को प्रेषित कर सकते हैं।

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2020 की शुरुआत में वुहान बाजार में जानवरों के पिंजरों, गाड़ियों और अन्य सतहों के स्वैब से बड़ी मात्रा में आनुवंशिक जानकारी ली गई थी। आनुवंशिक डेटा वायरस विशेषज्ञों के बीच बेचैनी का कारण बना था क्योंकि उन्हें एक साल पहले चीनी वैज्ञानिकों की ओर से जारी एक पेपर में इसके बारे में पता चला था।

    इस बीच, एक फ्रांसीसी जीवविज्ञानी ने पिछले हफ्ते डेटाबेस में आनुवंशिक अनुक्रमों की खोज की और उनकी टीम ने महामारी की उत्पत्ति के बारे में सुराग तलाशना शुरू किया।

    हालांकि उस टीम ने अभी तक निष्कर्षों निष्कर्षों से जुड़ा कोई पेपर नहीं किया है। लेकिन शोधकर्ताओं ने इस सप्ताह एक बैठक में कोविड की उत्पत्ति का अध्ययन करने वाले डब्ल्यूएचओ के सलाहकार समूह को सामग्री का विश्लेषण दिया, जिसमें उसी डेटा के बारे में चीनी शोधकर्ताओं की एक प्रस्तुति भी शामिल थी।

    शिकागो विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञानी और विकासवादी जीवविज्ञानी सारा कोबे के अनुसार, यह विश्लेषण चीन की ओर से दिए गए गए विश्लेषण से अलग प्रतीत होता है।

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