नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-34 का बजट पेश किया जाएगा। यह वित्तं मंत्री के तौर पर उनका पांचवां बजट है। इसके साथ यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होने वाला है। इस कारण आने वाला बजट सभी के लिए खास होने वाला है। आज हम अपनी रिपोर्ट में पिछले बजट के रोचक तथ्यों को बारे में बताने जा रहे हैं।
भारत का बजट : भारत का पहला बजट 7 अप्रैल,1860 को पेश किया गया था। इसे ब्रिटिश शासन के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ जेम्स विल्सन ने पेश किया था। वहीं, स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर,1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
सबसे लंबा बजट भाषण : यह रिकॉर्ड मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम है। उन्होंने एक फरवरी, 2022 को बजट पेश करते हुए पूरे दो घंटे 42 मिनट का भाषण दिया था। इस दौरान उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा था। इससे पहले वित्त मंत्री ने जुलाई, 2019 में अपना पहला बजट में 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण देने का रिकॉर्ड बनाया था।
सबसे अधिक शब्दों वाला बजट
अब तक का सबसे बड़ा बजट 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की ओर से पेश किया गया था, ये बजट 18,650 शब्दों का था। इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से पेश किया गया बजट था, जोकि 18,604 शब्दों का था। वहीं, अब तक का सबसे छोटा बजट केवल 800 शब्दों का था, जिससे 1977 में पूर्व वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने पेश किया था।
सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री : अब तक सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है। उन्होंने 1962-69 के दौरान वित्त मंत्री रहते हुए ये बजट पेश किए थे। इसके बाद पी चिदंबरम ने नौ, प्रणब मुखर्जी ने नौ, यशवंत सिन्हा ने आठ और मनमोहन सिंह ने आठ बजट पेश किए थे।
महिला वित्त मंत्री द्वारा पेश पहला बजट : 1970-71 में बजट पेश करने वाली इंद्रिरा गांधी पहली महिला थीं। ऐसा प्रधानमंत्री रहते हुए उनके पास वित्त मंत्री का पद रहने के कारण हुआ था। हालांकि, केवल वित्त मंत्री रहते हुए बजट पेश करने का रिकॉर्ड निर्मला सीतारमण के नाम है।
पेपरलेस बजट : कोरोना महामारी के कारण वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेपरलेस था। स्वतंत्र भारत में पेश किया जाने वाला ये पहले पेपरलेस बजट था।
मिलेनियम बजट : अटल बिहारी बाजपेई सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आईटी उद्योग के विकास के लिए रोड मैप तैयार कर 2000 में बजट पेश किया था। इसमें कंप्यूटर और कंप्यूटर से जुड़े 21 उपकरणों पर सीमा शुल्क को हटाया गया था। इसे मिलेनियम बजट कहा गया था।
रोलबैक बजट : अटल बिहारी बाजपेई सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की ओर से 2002- 03 में पेश किए गए बजट को रोलबैक बजट से नाम से जाना जाता है, क्योंकि इसमें कई प्रस्ताव वापस ले लिए गए थे।
रेल बजट : 2017 तक देश में रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किए जाते हैं। 2017 में इस 92 साल पुरानी अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही प्रथा को समाप्त कर दिया गया था।
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