ज्यूरिख । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना से बचने के लिए 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को बड़े लोगों की तरह ही मास्क पहनना चाहिए। छह से 11 साल की उम्र के बच्चे खतरे के आधार पर मास्क पहन सकते हैं। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर 21 अगस्त को जारी एक पोस्ट में संगठन के साथ ही संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण का फैलाव ज्यादा हो और जहां एक मीटर की दूरी बनाए रखना संभव नहीं है, वहां 12 साल से बड़े बच्चों को मास्क पहनना चाहिए।
दोनों संगठनों ने कहा कि पांच साल और उससे कम उम्र के बच्चों के लिए, उनकी सेहत और हित को देखते हुए मास्क पहनना आवश्यक नहीं है। इनका कहना है कि कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि कोरोना संक्रमण छोटे बच्चों की अपेक्षा बड़े बच्चों से फैल रहा है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के प्रसार में बच्चों और बड़ों की भूमिका को बेहतर ढंग से समझने के लिए आंकड़ों का विस्तृत अध्ययन आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि उम्मीद है कि दो वर्ष से भी कम समय में कोरोना वायरस महामारी खत्म हो जाएगी। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एधनोम घेब्रेयेसुस ने कहा था कि 1918 में शुरू हुआ स्पेनिश फ्लू दो वर्षों में खत्म हो गया था। यदि दुनिया एकजुट रही और वैक्सीन की खोज हुई तो यह महामारी दो साल से कम समय में खत्म हो जाएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब दुनियाभर में कोरोना के मामले बढ़कर करीब दो करोड़ 30 लाख लोग हो गए हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना ने अब तक दुनियाभर में आठ लाख लोगों की जान ले ली है। सबसे अधिक अमेरिका में पौने दो लाख, ब्राजील में 1.13 लाख और भारत में 56 हजार से अधिक मौतें हुई हैं। मौजूदा वक्त में 56 लाख संक्रमितों के साथ अमेरिका पहले नंबर पर 35 लाख मामलों के साथ ब्राजील दूसरे नंबर पर और 30 लाख संक्रमितों के साथ भारत तीसरे नंबर पर है।
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