जबलपुर। केवल कन्याएं नहीं ही, घर की सभी महिलाएं देवी का प्रतीक हैं। उनका सम्मान करना, नवदुर्गा की पूजा करने जैसा ही है। ऐसे में इस नवरात्रि से अपने जीवन और आसपास की हर महिला का सम्मान करना शुरू करना भी एक उपवास है।महिलाएं चाहती हैं कि सार्वजनिक जगहों और अन्य स्थलों पर सुरक्षित वातावरण बने। जिस प्रकार कात्यायनी ने चंडी रूप धारण कर दुष्टों का संहार किया वैसे ही समाज हिंसा मुक्?त हो। परंतु दैत्य रुपी आताताईयों से महिला रुपी अभी भी असुरक्षित अभी भी महसूस कर रही है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण कुछ दिनों पूर्व नवरात्र के अंतिम दिनों में जाते जाते मिला । पावन पर्व में महिलाओं को कुछ मनचले युवक बहुत देर से फब्तियां कस रहे थे जब वहां से एक महिला ने इन युवकों की हरकत का घूरकर विरोध किया तो यह बात इन मनचलों को नगवार गुजरी ।अपने अहंकार में आकर इन युवकों ने महिला पर पेपर स्प्रे डाल दिया।माहौल धार्मिक था तो बात पूरे शहर में आग की तरह फ़ैल गई। परंतु फैलाने वाले ने क्या रायता फैलाया । पेपर स्प्रे को तेजाब में बदल दिया और पूरे शहर में ये अफवाह फैल गई कि महिला पर तेजाब डाल दिया गया है। नवरात्रि के आखिरी दिनों में जाते जाते कुछ युवकों की नापक हरकत और सोशल मीडिया में तेजाब की अफवाह फ़ैलाने वालों के चक्कर में आदि शक्ति की प्रतिरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए।
इरादतन सौहाद्र का माहौल बिगड़ा गया
पीड़ित महिला का कहना है कि ये मुस्लिम युवक पिछले कई दिनों से नवरात्र के वक्त हिंदू महिलाओं पर फब्तियां कस रहे थे और जब महिलाएं विरोध करती थी तो उन्हे गंदी-गंदी गालियों की बौछार की जा रही थी ।पीड़ित महिला भी उसी रास्ते से निकली तो उसके साथ भी इसी प्रकार का व्यवहार किया गया जिसके बाद महिला का विरोध ही उन युवकों को बुरा लगा और गाली देते हुए इन युवकों ने महिला पर पेपर स्प्रे डाला। इस घटना क्रम से यह प्रतीत होता है कि जानबूझकर सनातनी पर्व में इस प्रकार की हरकत की गई और पावन पर्व के त्यौहार का माहौल खराब किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है ।सुनरहाई नगर सेठानी शहर की प्रथम स्थान की देवी है वहां इन युवकों द्वारा ये इरादतन ऐसी हरकतें की जा रही थी।
अफवाहकर्ता पर होनी चाहिए कार्यवाही
यूं तो यह मामला बहुत गंभीर है परंतु जिस प्रकार से इस मामले को फैलाया गया वह उससे भी ज्यादा गंभीर था। घटना की पूर्ण जानकारी ना लेते हुए पेपर स्प्रे की जगह तेजाब शब्द का उपयोग करके पूरे शहर में अफवाह फैला दी गई। जिसके चलते शहर में डर का माहौल निर्मित हो गया था ??। नवरात्र में नारी रूपी आदिशक्ति की प्रतिरक्षा पर जो आंच आयी है उसके दोषी जितने वो मनचले युवक है उतना ही बराबरी का दोषी वह अफवाह कर्ता भी जिसने ऐसी अफवाह फ़ैलाकर नवरात्र पर्व में भक्तों की भक्ति पर खलल डाला।
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