नई दिल्ली: पार्टी में बगावत के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को पद से इस्तीफा दे दिया है. कंजरवेटिव पार्टी के 41 मंत्रियों ने दो दिन के भीतर इस्तीफा दे दिया था, जिससे उन पर दबाव बन गया था.
बोरिस जॉनसन पर दबाव का यह सिलसिला पांच जुलाई से शुरू हुआ था, जब ब्रिटेन सरकार में वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने इस्तीफा दे दिया था.
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री साजिद वाजिद के इस्तीफे से भी उनकी कुर्सी पर संकट बढ़ गया था. सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के चार कैबिनेट मंत्री अब तक इस्तीफा दे चुके हैं. इनमें सुनक और साजिद वाजिद के अलावा साइमन हार्ट और ब्रैंडन लुईस भी शामिल हैं.
नए प्रधानमंत्री की दौड़ में ऋषि सुनक पहली पसंद
बोरिस जॉनसन सरकार में भारतीय मूल के वित्त मंत्री रहे ऋषि सुनक को देश के अगले प्रधानमंत्री की रेस में आगे बताया जा रहा है. सूनक इंफोसिस के सह संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति के दामाद हैं. सुनक (42) ने फरवरी 2020 में उस समय इतिहास रच दिया था, जब बोरिस जॉनसन ने उन्हें देश का वित्त मंत्री नियुक्त किया था.
इससे पहले इस साल जनवरी में ब्रिटेन के एक प्रमुख सट्टेबाज ने भी ये भविष्यवाणी की थी कि बोरिस जॉनसन जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं और उनकी जगह ऋषि सूनक नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं. सुनक के अलावा प्रधानमंत्री बनने की इस रेस में पेनी मॉरडॉन्ट, बेन वॉलेस, साजिद वाजिद, लिज ट्रस और डोमिनिक राब के नाम भी सामने आए हैं.
ऋषि सुनक की लोकप्रियता और उपलब्धियां
बोरिस जॉनसन सरकार में ऋषि सुनक की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह ज्यादातर प्रेस ब्रीफिंग में सरकार के चेहरे के तौर पर नजर आते थे. उन्होंने कोरोना काल के दौरान ब्रिटेन को आर्थिक तंगी से उबारने में एडी चोटी का जोर लगा दिया था. ये उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि सभी वर्ग के लोग उनके कामकाज से खुश थे. उन्होंने कोरोना काल में चौपट हो चुकी टूरिज्म इंडस्ट्री को 10,000 करोड़ का पैकेज दिया था.
विवादों में भी रहे ऋषि सुनक
ब्रिटेन के जिस पार्टीगेट स्कैंडल की वजह से बोरिस जॉनसन की काफी किरकिरी हुई थी. उसकी आंच सुनक पर भी पड़ी. सुनक पर भी पार्टीगेट स्कैंडल मामले में जुर्माना लगाया गया था. उन्हें फिक्स्ड पेनल्टी नोटिस जारी किया गया था. दरअसल कोविड-19 प्रोटोकॉल के दौरान मई 2020 में प्रधानमंत्री के डाउनिंग स्ट्रीट आवास पर एक शराब पार्टी का आयोजन किया गया था.
इस पार्टी की तस्वीरें और कुछ ईमेल लीक होने के बाद मामला गरमा गया था. इस मामले को लेकर बोरिस जॉनसन सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांग चुके हैं. इस मामले के बाद सुनक की लोकप्रियता में गिरावट देखने को मिली थी. वह अपनी पत्नी अक्षता पर टैक्स चोरी के आरोपों की वजह से भी आलोचनाओं का सामना कर चुके हैं.
ऋषि सुनक की पढ़ाई और करियर
भारतीय मूल के ऋषि का जन्म ब्रिटेन के साउथैम्पटन में हुआ था. उन्होंने ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. इसके बाद उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां उन्होंने फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की. वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर थे, जहां से उन्होंने एमबीए किया था.
ऋषि सुनक ने ग्रैजुएशन के बाद गोल्डमैन सैक्स के साथ काम किया था और बाद में हेज फंड फर्म्स में पार्टनर बन गए थे. ऋषि ने राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक अरब पाउंड की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की थी. यह कंपनी ब्रिटेन के छोटे कारोबारों में निवेश में मददगार थी. सुनक की शादी इंफोसिस के सह संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई है. उनकी दो बेटी कृष्णा और अनुष्का हैं.
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