नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर के मसरत आलम गुट को आतंकी संगठन घोषित किया है. गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर ट्वीट कर जानकारी दी. भारत सरकार के मुताबिक इस संस्था के लोग जम्मू कश्मीर में इस्लामिक शासन स्थापित करने की नीयत से अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. भारत सरकार ने यह कार्रवाई नए यूएपीए कानून के तहत की है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)’/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है. यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं.
जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह जिलानी की मौत के बाद 2021 में हुर्रियत के अलगाववादी दलों के गठबंधन ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने मसरत आलम को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था. फिलहाल यह जेल में बंद है और लगातार अपने भारत विरोधी बयान और पाकिस्तान समर्थित गतिविधियों के लिए चर्चा में रहता है. जम्मू कश्मीर मुस्लिम लीग संगठन व पिछले करीब एक दशक से चला रहा है और इसकी गतिविधियों पर सुरक्षा खुफिया एजेंसी की काफी समय से नजर थी.
मुस्लिम लीग मसरत आलम ग्रुप की नुमाइंदगी मसरत आलम भट करता है.. वो अपनी राष्ट्र विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जाना जाता है. यह संगठन जम्मू और कश्मीर को भारत से स्वतंत्र करना चाहता है. ताकि जम्मू और कश्मीर का पाकिस्तान में विलय हो सके और जम्मू कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित हो सके. इस संगठन के सदस्य जम्मू और कश्मीर में अलगाव आदि जैसी गतिविधियों में सम्मिलित रहे हैं.
इसके नेता और सदस्य आतंकवाद का समर्थन करने जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों पर निरंतर पथराव सहित विधि विरुद्ध क्रियाकलापों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान और उसके प्रोक्सी संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों के माध्यम से धन जुटाने में सम्मिलित रहे हैं. यह संगठन अपनी गतिविधियों से देश की संवैधानिक सत्ता और संवैधानिक व्यवस्था के प्रति सरासर अनादर दिखाते हैं.
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