नई दिल्ली (New Dehli)। उत्तराखंड के हल्द्वानी (Haldwani of Uttarakhand)में हिंसा की आग बुझने के बाद पुलिस अब इसे भड़काने वालों को दबोचने(to arrest the instigators) में जुट गई है। हल्द्वानी के वनभूलपुरा में पथराव, आगजनी, पेट्रोल बम के जरिए हिंसा फैलाने के मामले(cases of violence) में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार (accused arrested)किया है। इसमें समाजवादी पार्टी के नेता का एक भाई, दो निवर्तमान पार्षद, एक खनन कारोबारी और एक अन्य व्यक्ति शामिल है। हिंसा के मास्टर माइंड की तलाश अभी भी जारी है। फिलहाल पुलिस को सबसे ज्यादा शक अब्दुल मलिक पर है जो फरार बताया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ करके अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश में हैं। इनके अलावा करीब 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
8 फरवरी को वनभूलपुरा में हुए उपद्रव के मामले में शनिवार को एसएसपी प्राद नारायण मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम जानकारी दी। वनभूलपुरा उपद्रव में पुलिस ने 19 नामजद और करीब 5000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। एसएसपी ने बताया कि नामजद आरोपियों में से समाजवादी पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी के भाई लाइन नंबर 17 निवासी सपा कार्यकर्ता जावेद सिद्दीकी, निवर्तमान पार्षद लाइन नंबर 16 निवासी महबूब आलम, लाइन नंबर 14 इंद्रानगर निवासी जीशान परवेज, लाइन नंबर 12 निवासी खनन कारोबारी अरशद अय्यूब और लाइन नंबर 3 निवासी डेरी संचालक असलम उर्फ असलम चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी ने बताया कि पांचों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
मास्टर माइंड अब्दुल मलिक की तलाश
मलिक का बगीचा पर कब्जा कर अवैध निर्माण कराने वाले अब्दुल मलिक को भी पुलिस ने मुकदमे में नामजद किया है। वह अभी फरार है। उसकी तलाश में भी टीमें दबिश दे रही हैं। वहीं शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस से मास्टर माइंड कौन है ये सवाल पूछा गया तो एसएसपी ने बताया, नजूल भूमि पर अवैध निर्माण पर ऐक्शन का सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल मलिक ने किया था। इतने बड़े बवाल की गंभीरता से छानबीन की जा रही है। मुख्य मास्टर माइंड कौन है एक या एक ज्यादा लोगों की सोची समझी साजिश है यह पता किया जा रहा है। भले ही मास्टर माइंड कोई हो लेकिन, अब्दुल मलिक सबसे ज्यादा शक के घेरे में है।
50 से ज्यादा हिरासत में, दबिश जारी
पांच लोगों की गिरफ्तारी के अलावा पुलिस उपद्रवियों को चिह्नित कर उन्हें हिरासत में ले रही है। इसके लिए पुलिस ने 12 टीमों का गठन किया है। वनभूलपुरा में हुए उपद्रव की वीडियोग्राफी और मोबाइल वीडियो रिकॉर्डिंग से उपद्रवियों की पहचान कर पुलिस उन्हें चिह्नित कर रही है। पहचान के आधार पर पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
उपद्रव मामले में पुलिस के पास पहुंची चौथी तहरीर
वनभूलपुरा उपद्रव मामले में पुलिस के पास चौथी तहरीर पहुंची है। इस बार लिखित शिकायत नगर निगम के वाहन चालक संजू कुमार ने दी। उसने बताया, गुरुवार को मलिक का बगीचा से अतिक्रमण तोड़ने के बाद लौटते समय कुछ लोगों ने उन्हें रास्ते में रोककर मारपीट की और रुपये व मोबाइल छीनकर ले गए। आरोपियों ने सरकारी वाहन को भी क्षतिग्रस्त किया। एसओ वनभूलपुरा नीरज भाकुनी ने बताया, मामला पूर्व में निगम की ओर से दर्ज एफआईआर में शामिल है। दोबारा पीड़ित से मिली शिकायत की जांच की जा रही है।
5000 अज्ञात पर केस
उपद्रव मामले में 19 लोगों को नामजद करते हुए 5000 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने तीन अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज किए हैं। इनमें दंगा, आगजनी, लूटपाट, सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और हत्या के प्रयास के अलावा कई अन्य धाराएं लगाई गई हैं। सभी धाराएं गंभीर हैं। इन सभी में 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। पुलिस जांच रिपोर्ट के बाद चार्जशीट दाखिल करेगी। वहीं कोर्ट में सुनवाई के बाद जो भी आरोपी दोषी साबित होते हैं, उन्हें अपनी उम्र सलाखों के पीछे काटनी पड़ सकती है।
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