सियोल: साउथ कोरिया में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच वहां एक डॉक्टर के बयान से बवाल मच गया है. साउथ कोरियन डॉक्टर मा सैंग ह्यूक ने कहा कि जिसे अब तक कोरोना नहीं हुआ है, इसका मतलब है कि उसका कोई दोस्त नहीं है.
डॉक्टर का अनोखा दावा
‘इंडिपेंडेंट’ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरियन वैक्सीन सोसायटी के वाइस प्रेसिडेंट ह्यूक ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि ऐसे वयस्क जो अब तक कोरोना की चपेट में नहीं आए हैं, वे खुद में डूबे रहने की समस्या से पीड़ित हैं. इससे साफ है कि उनका समाज में उठना-बैठना नहीं और न ही उनका कोई दोस्त है.
हालांकि डॉक्टर ने यह पोस्ट करीब 10 दिन पहले लिखी थी और विवाद बढ़ने के बाद अब वह इसे डिलीट भी कर चुके हैं. उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि मैंने सिर्फ उदाहरण के तौर पर ऐसा कहा था, लेकिन उसका गलत मतलब निकाला गया.
विवाद के बाद बयान पर सफाई
साउथ कोरियन न्यूज साइट को दिए एक इंटरव्यू में डॉक्टर ने कहा, ‘मेरा इस बात पर जोर था कि वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि ऐसे माहौल में किसी का इससे बच पाना नामुमकिन है. साथ ही पॉजिटिव मामले की संख्या हर इलाके में तेजी से बढ़ रही है.’
डॉक्टर ह्यूक ने जिस दिन यह बयान दिया था तब साउथ कोरिया में कोरोना के 4 लाख से ज्यादा नए केस रिकॉर्ड हुए थे. देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते कोरोना मामलों में बड़ी उछाल देखने को मिली है. इन आंकड़ों को देखते हुए फिलहाल सरकार कोरोना पाबंदियों में ढील देने के मूड में नहीं है. साथ ही लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने को कहा जा रहा है.
वैक्सीनेशन पर सरकार का जोर
देश की 52 मिलियन आबादी में से अब तक करीब 63 फीसदी लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा चुकी है. साथ ही 86 फीसदी से ज्यादा आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है. पिछले साल से देश में ओमिक्रॉन के 1.4 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि इनमें से 60 साल से कम के किसी भी शख्स की मौत नहीं हुई है.
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