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    दुष्यंत चौटाला ने अलग चुनाव लड़कर किसका किया “खेला”, BJP का JJP का ? देखें एग्जिट पोल

  • October 06, 2024

    नई दिल्‍ली। हरियाणा में विधान सभा चुनाव (Assembly Elections in Riyana) के लिए 5 अक्‍टूबर को मतदान संपन्‍न हो चुका है। राज्‍य की 90 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में आज वोटिंग हुई। जिसके बाद एग्जिट पोल (Exit Poll) के नतीजे सामने आए हैं।

    हालांकि वास्‍तविक नतीजें 8 अक्‍टूबर को वोटों की गिनती के बाद चुनाव आयोग जारी करेगा। ये एग्जिट पोल में सर्वे के आधार पर ये संभावित नतीजे ही आए हैं लेकिन भाजपा के लिए इसमें कोई शुभ संकेत नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं 2019 में भाजपा की सरकार में किंगमेकर बनी दुष्‍यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) का भी बुरा हाल होने वाला है।

    खासकर इंडिया टुडे सी-वोटर के सर्वे पर आधारित एग्जिट पोल में हरियाणा के राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव के संकेत देखने को मिले हैं। दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी को महज 4% वोट मिलने का अनुमान जो पिछले चुनाव से काफी कम है। इस वोट शेयर को अगर सीटों में बदला जाए तो वोटरों के समर्थन में यह गिरावट बताती है कि जेजेपी शून्य से दो सीटों के बीच सिमट कर रह जाएगी।

    दुष्‍यंत चौटाला की जेजेपी को हुआ नुकसान
    याद रहे 2019 में दुष्‍यत चौटाला ने दस सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि 2019 के चुनावों में, दुष्यंत चौटाला ने भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया और बाद में भाजपा के बहुमत से दूर होने पर उनके साथ गठबंधन कर लिया। इस रणनीतिक कदम के बाद किंगमेकर साबित हुए दुष्‍यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री की कुर्सी मिली थी।



    भाजपा से गठबंधन तोड़ अकेले लड़े चुनाव
    हालांकि, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के बाद दुष्‍यंत चौटाला ने बगावत कर हरियाणा विधान सभा चुनाव से चंद महीने पहले भाजपा से नाता तोड़ने का फैसला किया, अपने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और चुनाव में अकेले जाने का फैसला किया। हालांकि भाजपा से नाता तोड़ने का चौटाला का निर्णय उल्टा पड़ता दिख रहा है, क्योंकि एग्जिट पोल में जेजेपी की सीटों की संख्या कम होने का संकेत दिया गया है।

    क्‍यों नहीं मिले वोट
    विशेषज्ञों का मानना ​​है कि हरियाणा में कांग्रेस को मिली बढ़त केवल भाजपा की लोकप्रियता में कमी के कारण नहीं है, बल्कि जेजेपी और आईएलओ से मतदाताओं के कांग्रेस की ओर जाने के कारण भी है।

    जेजेपी ने एग्जिट पोल पर दिया ये रिएक्‍शन
    बता दें ए‍ग्जिट पोल के नतीजों के बाद जेजेपी के प्रवक्ता दीप कमल ने एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों को काफी हद तक स्‍वीकार किया। उन्होंने कहा कि पार्टी को 8-10 सीटें नहीं मिल सकतीं, जिसकी उसे उम्मीद थी। उन्‍होंने जेजीपी के खराब प्रदर्शन के लिए किसानों और पहलवानों के आंदोलन सहित विभिन्न मुद्दों से उपजी जनता की नाराजगी जिम्मेदार ठराया।

    कमल ने दावा किया कि हरियाणा में भाजपा विरोधी भावना है जिसने जेजेपी की संभावनाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है। उन्होंने स्वीकार किया, “ऐसा नहीं है कि लोग नहीं चाहते थे कि हम जीतें, लेकिन लोग हमसे नाराज हैं और अपना गुस्सा निकाल रहे हैं।

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