• img-fluid

    कौन हैं वो 8 भारतीय जिसे कतर ने सुनाई सजा-ए-मौत, भारत ने बताया परेशान कर देने वाला फैसला

  • October 27, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। कतर की अदालत (court of qatar) ने आज अल दहरा कंपनी के 8 भारतीय कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई है। विदेश मंत्रालय ने फैसले पर हैरान और परेशान कर देने वाला बताया है। साथ ही कहा है कि हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के साथ संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।

    विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे। इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

    कतर की कैद में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर की अदालत ने गुरुवार (27 अक्टूबर) को मौत की सजा सुनाई. भारत ने कहा है कि वह खाड़ी देश के इस फैसले से बेहद हैरान है. भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है. सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि कतर के साथ भारत के रिश्ते अच्छे माने जाते हैं. हालांकि, इसके बाद भी कतर ने आठों भारतीयों को मौत की सजा सुना दी है.

    विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को कहा गया कि कतर की अदालत के जरिए मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले से हम स्तब्ध हैं. परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम से संपर्क किया जा रहा है. सभी कानूनी विकल्पों को भी देखा जा रहा है. भारत ने ये भी साफ कर दिया है कि वह कतर की कैद में बंद भारतीयों को राजनयिक परामर्श देना जारी रखेगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर कतर ने जिन भारतीयों को मौत की सजा सुनाई है वो कौन हैं और उन पर क्या आरोप हैं.

    भारतीयों पर क्या आरोप हैं?
    नौसेना के आठ पूर्व कर्मचारी कतर की एक कंपनी में काम कर रहे थे. इन लोगों के ऊपर जासूसी का आरोप है. पिछले साल 30 अगस्त को कतर के अधिकारियों ने जासूसी के आरोपों में आठों भारतीयों को गिरफ्तार किया. तभी से ये लोग कतर की कैद में बंद हैं. इनके खिलाफ मुकदमे की शुरुआत इस साल 29 मार्च को शुरू हुई थी. भारत को जब भारतीयों से मिलने के लिए राजनयिक पहुंच मिली, तो कतर में भारत के राजदूत ने एक अक्टूबर को जेल में जाकर इनसे मुलाकात भी की थी.

    किस कंपनी में काम कर रहे थे भारतीय?
    कतर में अल दहरा सिक्योरिटी कंपनी है, जिसमें ये सभी आठों भारतीय काम किया करते थे. भारतीय नागरिक पिछले कुछ सालों से कतर के नौसैनिकों को ट्रेनिंग दे रहे थे. कतरी अधिकारियों के साथ मिलकर ये कंपनी नौसैनिकों को ट्रेनिंग देने का काम कर रही थी. पिछले साल इन पर जासूसी का आरोप लगा और फिर इन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया. हैरानी वाली बात ये है कि अभी तक ये सार्वजनिक नहीं किया गया है कि भारतीयों के खिलाफ क्या-क्या आरोप हैं.

    कौन हैं ये आठ भारतीय?
    कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश, वो आठ भारतीय हैं, जो कतर में मौत की सजा का सामना कर रहे हैं. इन्हें कतर की खुफिया एजेंसी ने गिरफ्तार किया था. इन भारतीयों ने नौसेना में लगभग 20 साल तक काम किया. इस दौरान उनके ऊपर किसी भी तरह के आरोप नहीं थे. वह ट्रेनर समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके थे.

    कंपनी को लेकर क्या है जानकारी?
    इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कतर की जिस कंपनी में ये भारतीय काम कर रहे थे, उसका नाम अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी सर्विस था. ये एक डिफेंस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है, जिसका काम सैनिकों को ट्रेनिंग मुहैया कराना है. इस कंपनी का मालिकाना हक ओमान के एक नागरिक के पास है. कंपनी के मालिक का नाम खामिस अल-अजमी है, जो रॉयल ओमान एयरफोर्स का रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर है.

    जिस वक्त कतर की खुफिया एजेंसी ने भारतीयों को गिरफ्तार किया, उसी वक्त खामिस अल-अजमी को भी गिरफ्तार किया गया. लेकिन उसे नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया. कंपनी की पुरानी वेबसाइट के मुताबिक, ये कतरी अमीरी नेवल फोर्स (QENF) को ट्रेनिंग, लॉजिस्टिक और मेंटेनेंस मुहैया कराती थी. हालांकि, अब पुरानी वेबसाइट गायब हो चुकी है. इसकी जगह अब नई वेबसाइट बना दी गई है, जिसमें कंपनी का नाम भी बदल दिया गया है.

    वेबसाइट में बताया गया है कि कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल है. लेकिन इसमें ये नहीं बताया गया है कि कंपनी का QENF के साथ क्या रिश्ता है. अभी तक कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने की बात कहने वाली ये कंपनी अब उसके साथ रिश्तों को वेबसाइट पर नकार चुकी है. नई वेबसाइट में भारतीयों के बारे में जानकारी भी नहीं है, जबकि कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी एक वक्त कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे. सभी गिरफ्तार भारतीय छह से आठ साल से कतर में काम कर रहे थे.

    Share:

    ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी 20000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार | Rural Park Extension Officer arrested red handed taking bribe of Rs 20000

    Fri Oct 27 , 2023
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved