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सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करतें समय इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान

March 08, 2021

आज का दिन सोमवार (Monday) है जो एक पावन दिन है और धार्मिक मान्‍यता के अनुसार आज सोमवार का दिन देवो के देव महादेव (God of Gods Mahadev) को समर्पित है । सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) की पूजा व उनकी कृपा पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है । ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) ही दुनिया को चलाते हैं। वह जितने भोले हैं उतने ही गुस्‍सै वाले भी हैं। शिव जी को प्रसन्‍न करने के लिए लोग व्रत करते हैं और शिवलिंग (Shivling) की पूजा करते हैं। मगर शिवलिंग की पूजा करने की एक खास विधि होती है। यदि उस विधि से शिवलिंग की पूजा न की जाए तो भगवान शिव (Lord Shiva) प्रसन्‍न होने की जगह नाराज हो जाते हैं। शिवपुराण के अनुसार भगवान के शिवलिंग की पूजा करते वक्‍त क्‍या नहीं करना चाहिए इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कैसे करें शिवलिंग की पूजा।



लोगों का मानना है कि भगवान की प्रतिमा पर जब तक तुलसी न चढ़ाई जाए तब तक पूजा अधूरी रहती है। लेकिन जब आप भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करें तो ऐसा भूल से भी न करें। इसके पीछे एक वजह है। वजह यह है कि तुलसी केवल भगवान कृष्‍ण को प्रसाद चढ़ाते वक्‍त उसमें डाली जाती है क्‍योंकि भगवान कृष्‍ण ने माता तुलसी के साथ विवाह किया था। जब आप शिवलिंग (Shivling) की पूजा करें तो ध्‍यान रखें कि बेल के पत्‍ते ही चढ़ाएं।

यदि आप शिवभक्‍त हैं तो आपको पता होगा कि भगवान शिव (Lord Shiva) अघोरी थे। अघोरियों पर वह सामान कभी नहीं चढ़ता जो स्त्रियां इस्‍तेमाल करती हैं। हल्‍दी का प्रयोग महिलाएं अपनी सुंदरता को निखारने में करती हैं। इसलिए शिव जी पर कभी भी हल्‍दी न चढ़ाएं। कुमकुम और राख से शिवलिंग (Shivling) का श्रृंगार करें।

अगर आप भगवान शिव (Lord Shiva) पर दूध चढ़ा रहे हैं तो याद रखें कि उन पर केवल गाय का दूध ही चढ़ाएं और वह भी ताजा। पैकेट वाला या बासी दूध भगवान शिव पर कभी न चढ़ाएं। भैंस का दूध भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं।

शिवलिंग (Shivling) को जलधारा के नीचे रखने से शिव पसन्न होते हैं। यदि आपने शिवलिंग (Shivling) को घर पर रखा है तो ध्यान रखें की शिवलिंग (Shivling) के नीचे सदैव जलधारा बरकरार रहे अन्यथा वह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

शिवपुराण (Shivpuran) में लिखा है कि भगवान शिव ने शंखचूण नाम के राक्षस का वध किया था इसलिए उनकी पूजा के दौरान कभी शंख नहीं बजाना चाहिए। अगर पूजा के दौरान कुछ बजाना ही है तो आप डमरू या घंटी बजा सकते हैं। इन दोनों ही यंत्रों के स्‍वर से भगवान प्रसन्‍न हो जाते हैं

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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