नई दिल्ली। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को भारत कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। डीसीजीआई के डायरेक्टर वीजी सोमानी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को इस्तेमाल की अनुमति मिलने का आधिकारिक ऐलान किया।
डीसीजीआई (DCGI) के इस फैसले के साथ ही भारत दुनिया का पहला देश बन गया, जिसने एक साथ दो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को मंजूरी दी है। दोनों ही वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री तापमान के बीच स्टोर करना होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद DCGI डायरेक्टर वीजी सोमानी ने कहा कि आपात इस्तेमाल के लिए मंजूर की गई दोनों वैक्सीन 110 प्रतिशत सुरक्षित हैं।
करीब एक साल तक कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग के बीच भारत को आपात इस्तेमाल के लिए 2 वैक्सीन मिल गई है। कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) नाम की वैक्सीन लोगों तक किस तरह से पहुंचेगी। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। सबसे पहले वैक्सीन पाने वालों में डॉक्टर, नर्स, हेल्थ वर्कर्स या फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे।
कोवैक्सीन (Covaxin) पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने बनाया है। ये वैक्सीन हैदराबाद लैब में तैयार की गई है। वहीं, कोविशील्ड (Covishield) को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाया है। भारत में इसका निर्माण और ट्रायल के लिए सीरम इंस्टिट्यूट (Serum Institute) भागीदार है।
डीसीजीआई (DCGI) ने बताया कि कोवैक्सीन (Covaxin) टीका प्रभावी और सुरक्षित पाया गया है। पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में 800 लोगों को टीका दिया गया था। इसके अलावा कई जानवरों पर भी परीक्षण किया गया है। वहीं तीसरा ट्रायल चल रहा है और टीका 22500 लोगों को दिया गया है। डीसीजीआई ने बताया कि कोविशील्ड (Covishield) को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ने 23745 से अधिक विदेशी प्रतिभागियों के डेटा का परीक्षण किया और यह 70।42 प्रतिशत तक प्रभावी है। भारत में आयोजित दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण में 1600 लोगों को टीका लगाया गया था, जिसके परिणाम भी पहले चरण के परीक्षण के बराबर थे।
भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन की कीमतों को लेकर आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी है। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने पहले कहा था कि कोविशील्ड (Covishield) की कीमत लगभग 400 रुपये होने की संभावना है, जबकि कोवैक्सीन (Covaxin) की कीमत 100 रुपये से कम हो सकती है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका मुफ्त में मिलेगा।
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