डेस्क: इजराइल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच की अदावत कोई नहीं है बल्कि सालों पुरानी है. हालिया संघर्ष ने इसे और बढ़ा दिया है. इजराइल ने हाल ही में लेबनान (Lebanon) के दाहिया में हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया था. इस हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह समेत उसके कई कमांडरों की मौत हो गई थी. नसरल्लाह की मौत के जवाब में ईरान ने मंगलवार रात को इजराइल पर मिसाइलों की बरसात कर दी.
ईरान ने इजराइल में करीब 200 मिसाइलें दागीं. हमले के बाद ईरान ने साफ कहा कि बदले की कार्रवाई के तहत इजराइल पर ये हमला किया गया है. अगर उसने जवाई कार्रवाई की तो हम इजराइल पर फिर हमला करेंगे. उधर, इस हमले के बाद इजराइल ने बदला लेने की कसम खाई है. इजराइल पर ईरान के इस हमले की कई देशों ने आलोचना की है.
संयुक्त राष्ट्र : ईरानी हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से युद्धविराम की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि इजराइल और ईरान के बीच अगर जंग शुरू होता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
फ्रांस : फ्रांस के प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर ने कहा कि वह इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष को लेकर चिंतित हैं. बार्नियर ने कहा कि मिडिल ईस्ट में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है और हमले हो रहे हैं. हमें इसे रोकना होगा.
भारत : भारत ने इस मामले से अभी तक खुद को दूर रखा है. इजराइल पर ईरान के हालिया हमले को लेकर भारत ने अभी कोई बयान नहीं दिया है. वैसे भी भारत को इस संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल होने की संभावना कम है क्योंकि भारत हमेशा इस मुद्दे पर तटस्थ रहा था. भारत का हमेशा से यह मानना रहा है कि संघर्ष का समाधान केवल बातचीत से हो सकता है युद्ध से नहीं. हालांकि, पीएम मोदी ने हाल ही में इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बात की थी. सऊदी अरब का भी अभी तक इस पर कोई बयान नहीं आया है.
अमेरिका : इजराइल पर हमले के बाद अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी. इजराइल के समर्थन में अमेरिका खुलकर उतर गया है. अमेरिका ने ईरान को इजराइल पर हमले तुरंत बंद करने को कहा है नहीं तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. बताया जा रहा है कि अमेरिकन इंटेलिजेंस ने इजराइल को पहले ही आगाह कर दिया था कि ईरान उस हमला करने वाला है.
रूस : वहीं, इजराइल ईरान संघर्ष पर रूस का भी बयान सामने आया है. रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा है कि मिडिल ईस्ट में बाइडेन प्रशासन पूरी तरह विफल रहा. बाइडेन प्रशासन केवल तनाव को बढ़ा रहा है.
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