img-fluid

BNS में अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध है या नहीं, हाई कोर्ट बोला- केंद्र अपना रुख स्पष्ट करें

August 14, 2024

नई दिल्‍ली । दिल्ली उच्च न्यायालय(Delhi High Court) ने मंगलवार को केंद्र से भारतीय न्याय संहिता (Indian Judicial Code) से अप्राकृतिक यौन संबंध(unnatural sexual relations) और कुकर्म के अपराधों (crimes of misdeed)के लिए दंडात्मक प्रावधानों को बाहर करने पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। बीएनएस ने हाल ही में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) का स्थान लिया है। अदालत ने कहा कि विधायिका को बिना सहमति के अप्राकृतिक यौन संबंधों के मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ‘वो प्रावधान कहां है? कोई प्रावधान ही नहीं है। वो है ही नहीं। कुछ तो होना चाहिए। सवाल ये है कि अगर वो (प्रावधान) वहां नहीं है, तो क्या वो अपराध है? अगर कोई अपराध नहीं है और अगर उसे मिटा दिया जाता है, तो वो अपराध नहीं है…’


पीठ ने कहा, ‘(सजा की) मात्रा हम तय नहीं कर सकते, लेकिन अप्राकृतिक यौन संबंध जो बिना सहमति के होते हैं, उनका ध्यान विधायिका को रखना चाहिए।’ अदालत ने केंद्र के वकील को इस मुद्दे पर निर्देश प्राप्त करने के लिए समय दिया और मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को तय की।

अदालत गंतव्य गुलाटी नामक वकील की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए थे, तथा उन्होंने बीएनएस लागू होने से उत्पन्न ‘आवश्यक कानूनी कमी’ को दूर करने की मांग की थी। बीएनएस के लागू होने के कारण भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को भी निरस्त करना पड़ा। वकील ने कहा कि बीएनएस भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के समतुल्य किसी भी प्रावधान को शामिल नहीं करती है, जिसके कारण प्रत्येक व्यक्ति, विशेषकर ‘एलजीबीटीक्यू’ समुदाय प्रभावित होगा।

उन्होंने एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों के खिलाफ कथित अत्याचारों पर भी प्रकाश डाला। भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत दो वयस्कों के बीच बिना सहमति के अप्राकृतिक यौन संबंध, नाबालिगों के खिलाफ यौन गतिविधियां और पशुओं से यौन संबंध को दंडित किया जाता है। आईपीसी की जगह लेने वाली बीएनएस एक जुलाई 2024 को प्रभावी हुई थी।

Share:

जम्मू-कश्मीर में NC-PDP का दबदबा घटा, गुपचुप तरीके से नई रणनीति बना रहे कट्टरपंथी

Wed Aug 14 , 2024
श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)में कट्टरपंथियों के बढ़ते प्रभाव (The growing influence of fundamentalists)से विधानसभा चुनावों (Assembly Elections)में पेचीदा समीकरण(A tricky equation) बन सकते हैं। राज्य के मुख्यधारा (The mainstream of the state)में शामिल दलों में इसे लेकर बेचैनी है। लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर राशिद शेख उर्फ इंजीनियर की जीत के बाद […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
गुरुवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved