वाराणसी (Varanasi)। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा प्रस्तुत ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ रिपोर्ट (Gyanvapi Case Survey Report) याचिकाकर्ता पक्ष को दी जानी चाहिए या नहीं, ये वाराणसी (Varanasi)। की अदालत आज यह तय करेगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील किए गए ‘वज़ुखाना’ को छोड़कर, मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश वाराणसी अदालत ने यह चेक करने के लिए दिया था कि क्या 17वीं सदी के अंत में बनी मस्जिद किसी हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई थी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी. मस्जिद समिति ने एक सार्वजनिक रिपोर्ट का विरोध करते हुए कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है, वहीं याचिकाकर्ताओं ने सीलबंद रिपोर्ट पर आपत्ति जताई।
हिंदू पक्ष ने जहां सर्वे रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया है, वहीं मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि रिपोर्ट की प्रति यह शपथ पत्र लेकर दी जाए कि वह लीक नहीं की जाएगी। रिपोर्ट की मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग रखी गई है।
जिला जज की अदालत के आदेश से ज्ञानवापी में एएसआई ने बीते 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था। सर्वे, रिपोर्ट तैयार करने और उसे अदालत में दाखिल करने में 153 दिन लग गए। एएसआई की ओर से सर्वे रिपोर्ट के साथ ही जिलाधिकारी को सुपुर्द किए गए साक्ष्य की सूची भी अदालत में दाखिल की गई है। साथ ही एक प्रार्थना पत्र भी अदालत में दिया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि एएसआई ने सर्वे का काम कैसे किया है.
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