भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव में हाइटेक ईवीएम से वोटिंग कराए जाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में टकराव शुरू हो गया है। कांग्रेस ने हाइटेक ईवीएम मशीन में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है और बैलेट पेपर से वोटिंग कराने की मांग की है। वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस इस उपचुनाव में जीत नहीं पाएगी। यही कारण है कि इस बार भी कांग्रेस ईवीएम पर हार का ठीकरा फोडऩे की प्लानिंग कर रही है।
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि अपडेट ईवीएम के जरिए चुनाव कराना शंका पैदा करता है। क्योंकि पहले कई ऐसे चुनाव हो चुके हैं, जिसमें गड़बड़ी की बात सामने आई थी। इसलिए कांग्रेस मांग करती है कि 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बैलेट पेपर से वोटिंग कराई जाए। कांग्रेस को जवाब देते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि सरकार में रहते हुए कांग्रेस ने जनता के लिए कुछ नहीं किया और अब उपचुनाव में जनता उसका जवाब देगी। ऐसे में कांग्रेस को पता है कि उसकी हार होगी और इसी हार का ठीकरा फोडऩे के लिए अभी से कांग्रेस के नेताओं ने ईवीएम पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की आदत है कि हर चुनाव में हार का ठीकरा ईवीएम मशीन पर फोड़ती है।
ऐसी है अपडेट मशीन
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आगामी विधानसभा उप निर्वाचन में एम-2 मॉडल की ईवीएम के स्थान पर नवीनतम तकनीक से निर्मित एम-3 मॉडल की ईवीएम का उपयोग किया जाएगा। इस संबंध में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्य प्रदेश धरणेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि एम-3 मशीनें एम-2 से बेहतर हैं। पहले एम-2 मशीनों के अंतर्गत कंट्रोल यूनिट के साथ 4 बैलेट यूनिट ही जोड़ सकते थे, लेकिन अब नई मशीनों में 24 बैलेट यूनिट जोड़े जा सकेंगे। ये मशीनें नोटा सहित 384 अभ्यर्थियों तक के लिए सक्षम हैं।
ये है मशीनों में अंतर
पहले उपयोग होने वाली एम-2 मशीनों में बैटरी का प्रतिशत दिखाई नहीं देता था, लेकिन एम-3 मशीनों में यह दिखाई देगा। जिसके आधार पर पीठासीन अधिकारी बैटरी बदल सकते हैं।
एम-3 मशीनों में कैन्डीडेट सेक्शन एवं बैटरी सेक्शन दोनों को अलग-अलग सील्ड किया जाता है। जिससे बैटरी लाइफ कम होने पर पीठासीन अधिकारी बैटरी सेक्शन को खोलकर उसे बदल सकते हैं। इन मशीनों का वजन कम होने के कारण इन्हें लाने-ले जाने में भी सुविधा होगी।
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