डेस्क: दिवाली के पर्व की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है. धनतेरस के साथ ही दीपक जलाने की परंपरा भी शुरू हो जाती है. धनतेरस, छोटी दिवाली और दिवाली पर दीपदान का बड़ा महत्व होता है. दिवाली पर दीपक जलाने से जीवन के अंधकार को दूर किया जाता है. दीपक जलाने से सुख-समृद्धि का वास होता है और शांति की प्राप्ति होती है.
शास्त्रों में भी दीपक जलाने के महत्व के बारे में बताया गया है. दिवाली के दिन यूं तो हर कोने में दीपक जलाया जाता है, लेकिन वास्तु नियमों के अनुसार दिवाली पर कुछ विशेष जगहों पर दीपक जलाना बेहद शुभ होता है. चलिए जानते हैं दीपावली की रात कहां-कहां दीपक जलाना शुभ माना जाता है.
-पंडित अनुसार, दीपावली की रात सरसों के तेल के दीपक जलाने का विधान होता है. घर के आंगन में एक दीपक घी का जलाना शुभ होता है. इसके अलावा दिवाली पर दो दीपक रसोईघर में जलाने चाहिए. इससे मां अन्नपूर्णा देवी की कृपा बनी रहती है. शयनकक्ष में एक दीपक घी का जलाना चाहिए. इससे दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है.
-घर की तिजोरी के समीप तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए और भगवान कुबेर की प्रार्थना करनी चाहिए. इससे सालभर धन का अभाव नहीं होगा. दिवाली की रात्रि घर के चारों कोनों में चार मुख वाले दीपक जलाना चाहिए. इससे भगवान गणेश और मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं. घर के अलावा नजदीक मंदिर में जाकर पांच दीपक घी के जलाने चाहिए. इससे भगवान प्रसन्न होकर घर पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं.
-इसके अलावा, अगर घर के बाहर नदी या नहर बहती है, तो उसके किनारे भी दीपक जलाना चाहिए. आप चाहे तो घर के नल या बहते हुए जल के पास भी दीपक जला सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी जल में मौजूद रहती हैं. दिवाली के दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाना भी शुभ होता है.
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