नई दिल्ली: महान संगीतकार-गायक बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) का बीते महीने फरवरी 2022 में 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया. दिग्गज संगीतकार अपने ट्रेडमार्क सोने की चेन और अंगूठियों के लिए जाने जाते थे. हैवी गोल्ड ज्वैलरी को वह अपने लिए भाग्यशाली मानते थे. अब, उनके बेटे बप्पा लहरी ने बताया कि बप्पी लहरी के गोल्ड कलेक्शन को लेकर उनका परिवार एक प्लानिंग कर रहा है.
आध्यात्मिक रिश्ता था गोल्ड से
सहयोगी वेबसाइट DNA के अनुसार इस बारे में बात करते हुए, बप्पा लहरी ने खुलासा किया कि उनके पिता वेटिकन सिटी से लेकर हॉलीवुड तक दुनियाभर से गोल्ड टुकड़े लेकर आते थे. उन्होंने कहा कि सोना पहनना दिवंगत संगीतकार के लिए केवल एक फैशन स्टेटमेंट नहीं था. बल्कि उसके पिता का सोने से आध्यात्मिक लगाव था. बप्पा लहरी ने आगे कहा कि उनके पिता सुबह 5 बजे की फ्लाइट में भी अपना सोना पहनते थे. वह अपने गोल्ड कलेक्शन को अपनी शक्ति मानते थे.
बनेगा मैमोरियल म्यूजियम
बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में संगीत तैयार कर चुके बप्पा ने खुलासा किया कि परिवार एक संग्रहालय में सोने को संरक्षित करना चाहता है. क्योंकि यह उनके पिता की सबसे पसंदीदा चीज थी. बप्पा लहरी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि लोग उनकी चीजों को देखें, इसलिए हम उन्हें एक संग्रहालय में रख सकते हैं. उनके पास जूते, धूप का चश्मा, टोपी, घड़ियां और गहनों का एक बड़ा संग्रह था जो उन्हें पसंद था और हम इसे प्रदर्शित करना पसंद करेंगे.’
डिस्को किंग थे बप्पी दा
बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) को प्यार से बप्पी दा कहकर बुलाया जाता था, उन्हें ‘डिस्को किंग’ के रूप में जाना जाता था क्योंकि उन्होंने 80 और 90 के दशक में भारत में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाया था. ‘आई एम ए डिस्को डांसर’, ‘रात बाकी बात बाकी’, ‘नैनो मैं सपना’, ‘यार बिना चैन कहां रे’, ‘याद आ रहा है’, और ‘तम्मा तम्मा लोग’ उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध ट्रैक हैं. जो आज भी हर पार्टी की जान माने जाते हैं.
दो बार जीते फिल्मफेयर
यहां तक कि बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) ने अAd refresh Listमिताभ बच्चन स्टारर ‘शराबी’ साउंडट्रैक बनाने के लिए 1985 में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता. उन्हें 2018 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
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