भोपाल रवीन्द्र जैन। गुरुवार को भोपाल में आयकर विभाग की टीम चौक बाजार की संकरी गलियों में जलेबी वाले की दुकान के बगल की बहुमंजिला बिल्डिंग में हांफते हुए सबसे ऊपर की मंजिल पर छापा मारने पहुंची तो यह देखकर दंग रह गई कि जिस व्यक्ति के नाम से भोपाल में करोड़ों की संपत्ति खरीदी गई है, वह मात्र 400 फीट के छोटे से फ्लेट में रह रहा है। विपिन जैन से पूछताछ की तो टीम भी हैरत में पड़ गई कि वह पीयूष गुप्ता के यहां मात्र 15 हजार की पगार पर नौकरी करता है। पीयूष ने कब-कब और कहां-कहां उसके नाम से संपत्तियां खरीदी हैं शायद उसे भी जानकारी नहीं है। लगभग ऐसा ही बयान लालघाटी क्षेत्र में रहने वाले महेन्द्र गोधा ने आयकर को दिया है। आयकर विभाग का अनुमान है कि पीयूष गुप्ता ने पिछले 5 से 7 साल में लगभग 500 करोड़ की संपत्ति बनाई है। आखिर यह पैसा किसका है? पीयूष के पास कैसे आया?
छापा मारने से पहले ही आयकर विभाग के पास पीयूष गुप्ता और उनसे जुड़ी 18 फर्मों/कंपनियों के संचालक/पार्टनर की संपत्ति की पूरी जानकारी थी। उनके पते, मोबाइल नंबर और पैनकार्ड नंबर तक आयकर के पास मौजूद थे। आयकर विभाग पिछले 4 माह से इनकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए था। पीयूष गुप्ता के बारे में पता चला है कि उसके पास हर माह लगभग 5 करोड़ रुपए आते थे जिसे वह जमीनों और संपत्तियों में निवेश करता था। भोपाल के आसपास के गांव फंदा, खजूरी, सीहोर के आसपास जमीनों का काम करने वाले लोग भी आश्चर्य चकित थे कि पीयूष गुप्ता आखिर यह पैसा कहां से ला रहा है। आयकर को छापे के पहले ही दिन उनकी लगभग 60 से 70 संपत्तियों की जानकारी मिल चुकी है। भोपाल के अलावा आष्टा, गोवा और उत्तर प्रदेश के मथुरा में भी इन्होंने संपत्ति खरीदी है।
पर्दे के पीछे की कहानी
बताया जाता है कि मप्र के एक डीएसपी का दिमाग इस पूरे घपले-घोटाले को उजागर करने के पीछे है। भोपाल में संपत्तियों की रजिस्ट्री कराने वाले एक वकील के कंप्यूटर से डीएसपी ने इन संपत्तियों की पूरी डिटेल लेकर दिल्ली में ईडी में शिकायत कराई थी। ईडी की चिट्ठी के बाद आयकर ने जब जांच शुरू की तो एक के बाद एक खुलासे होते गए। खबर है कि संपत्ति खरीदने वाले पांच लोगों का पैसे के विवाद को लेकर रजिस्ट्री करने वाले वकील से झगड़ा हुआ था। इस झगड़े के कारण ही वकील ने सारे दस्तावेज डीएसपी को उपलब्ध करा दिए।
100 करोड़ की बेनामी संपत्ति
आयकर छापे के पहले दिन ही देर रात तक ऐसे संकेत मिलने लगे हैं कि भोपाल में पीयूष गुप्ता ने लगभग सौ करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति खरीदी हैं। इस संबंध में जिनके नाम यह संपत्ति खरीदी गई है उनमें से तीन लोगों ने आयकर कार्यालय में अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। जिन संपत्तियों के बारे में बयान दर्ज हुए हैं उनका बेनामी संपत्ति घोषित होना तय है।
असली किरदार की तलाश
अब आयकर विभाग पीयूष गुप्ता के जरिए उस असली किरदार की तलाश कर रहा है, जिनका पैसा पीयूष गुप्ता ने निवेश किया है। पीयूष गुप्ता के पिता रमाकांत गुप्ता अभी भी भोपाल के कोतवाली रोड़ पर चुडिय़ों की दुकान करते हैं। पीयूष ने बहुत सी संपत्ति अपनी पत्नी पूनम गुप्ता, पिता रमाकांत गुप्ता, मां नीरा गुप्ता, श्वेता गुप्ता पत्नी दीपक गुप्ता और दीपक गुप्ता के नाम भी खरीद रखी हैं। आयकर छापे में 26 एकड़ में बन रही एक काॅलोनी के दस्तावेज भी मिले हैं। इसकी भी आयकर विभाग पड़ताल कर रही है।
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