भोपाल। मप्र में उपचुनाव का प्रचार जोरों पर है। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी क्षेत्रों में मोर्चा संभाल लिया है। भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित सभी मंत्री और नेताओं ने मैदानी मोर्चा संभाला है। वहीं कांगे्रस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अकेले चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। कहा जा रहा है कि जिन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी कमजोर है, कमलनाथ वहीं जोर लगा रहे हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल की 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दल पूरा जोर लगा रहे हैं। भाजपा के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा सदस्य से लेकर स्टार प्रचारक भी मैदान में कूद चुके हैं, जबकि कांग्रेस की तरफ से केवल पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ अब तक दो विधानसभा सीटों पर सभा ले चुके हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस के सर्वे में जिन सीटों पर कांटे का मुकाबला या कार्यकर्ताओं में असंतोष बताया गया है, वहीं कमल नाथ अब सभाएं लेने पहुंच रहे हैं।
सर्वे बना टिकट का आधार
कांग्रेस ने उपचुनाव में प्रत्याशियों के चयन के लिए तीन बार सर्वे कराया है। सर्वे में जनता की राय लेने के बाद ही टिकट फाइनल किए गए हैं। अधिकांश टिकट केवल उन नेताओं को दिए गए हैं, जिनकी जीत का प्रतिशत अधिक बताया गया है।
सभा के बहाने डैमेज कंट्रोल
कांग्रेस ने इस भांडेर विधानसभा सीट से फूल सिंह बरैया को मैदान में उतारा है। बरैया को प्रत्याशी बनाने के बाद पार्टी में बगावत बढऩे का खतरा था। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद बरैया के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
कांटे के मुकाबले में बढ़ाई ताकत
सुमावली विधानसभा क्षेत्र में कमल नाथ ने दूसरी सभा की थी। यहां भी भाजपा से दल बदलकर आए अजब सिंह कुशवाह कांग्रेस से मैदान में हैं। यहां पर कुशवाह का मुकाबला कांग्रेस से भाजपा में गए कद्दावर नेता व मंत्री ऐदल सिंह कंषाना से है। दल बदलकर आए प्रत्याशी को टिकट देने से कार्यकर्ताओं में असंतोष का भी डर था। ऐसे में यहां पर अजब सिंह कहीं कमजोर न पड़ जाएं और असंतोष से नुकसान न हो, इसलिए कमल नाथ ने यहां सभा ली।
अब 18 को गोहद में सभा
यहां कांग्रेस से भाजपा में आए रणवीर सिंह जाटव मैदान में है। ऐसे में कमल नाथ यहां 18 अक्टूबर को सभा लेने वाले हैं, जिससे कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जाटव को मजबूती मिल सके।
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