मुंबई । शिवसेना (यूबीटी) के सांसद (Shiv Sena (UBT) MP) संजय राउत (Sanjay Raut) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि (Alleged that) जब भी (Whenever) केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP Ruling at the Center) को चुनावी हार सामने दिखती है (Faces Election Defeat), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) “मदद” के लिए आगे आते हैं (Come Forward to Help) ।
सीबीआई, ईडी और ईसीआई को केंद्र का “तोता” बताते हुए राउत ने तर्क दिया कि वे उन राज्यों में सक्रिय हो जाते हैं जहां चुनाव हो रहे होते हैं, जहां भाजपा को हार सामने दिख रही होती है, या जहां भी विपक्षी दल सत्ता में हैं। राउत ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “हमने इसे महाराष्ट्र में भी अनुभव किया है…विपक्षी दलों को केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा व्यवस्थित रूप से निशाना बनाया जा रहा है…शिवसेना (विभाजन) के मामले में ईसीआई ने केंद्र सरकार के दबाव में फैसला लिया।”
उन्होंने कहा कि हालांकि शिवसेना की स्थापना दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने की थी और अब इसका नेतृत्व उनके बेटे और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे कर रहे हैं, लेकिन जून 2022 में कुछ दर्जन विधायकों के पाला बदलने के बाद, पूरी पार्टी (वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेवृत्व में) अलग हुए समूह को सौंप दी गई। राउत ने कहा, “यह ईसीआई के इरादे और चरित्र को उजागर करता है… इसी तरह की चाल अब शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ चल रही है, जिसमें अजित पवार के नेतृत्व वाला एक समूह (जुलाई 2023 में) अलग हो गया है। ऐसे में हम ईसीआई से किस तरह के न्याय की उम्मीद कर सकते हैं?“
राज्य सरकार पर हमला करते हुए, शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता ने दावा किया कि मराठाओं के लिए आरक्षण के मुद्दे पर बुधवार को महाराष्ट्र कैबिनेट में एक आभासी “गैंगवार” छिड़ गया था, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन के विभिन्न मंत्रियों के विरोधाभासी बयान आ रहे थे। मुख्यमंत्री का उन पर “कोई नियंत्रण नहीं” है। सत्तारूढ़ शिवसेना के मंत्री शंभुराज देसाई ने राउत पर पलटवार करते हुए कहा कि “गैंगवार” शब्द हास्यास्पद है, और हालांकि कैबिनेट बैठक बहुत सौहार्दपूर्ण ढंग से हुई, “जानबूझकर गलत सूचना फैलाई जा रही है”। देसाई ने चेतावनी देते हुए कहा, ”राउत के मुखबिर उन्हें गलत जानकारी दे रहे हैं… किसी दिन, वह इसके कारण गंभीर संकट में पड़ जाएंगे।” उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक के बाद सभी मंत्री सौहार्दपूर्ण माहौल में बाहर आए।
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