डेस्क: किसी भी इंसान के अच्छे या बुरे कर्मों का फल उसे मिलता ही है. ऐसा गरुड़ पुराण में बताया गया है. गरुड़ पुराण में वर्णित 19 हजार के ज्यादा श्लोक पुण्य और पाप कर्म के बारे में बताते हैं. दरअसल एक बार भागवान विष्णु से महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ ने प्राणियों की मृत्यु के बाद होने वाली स्थितियों के बारे में पूछा.
भगवान विष्णु ने गरुड़ की जिज्ञासा के समाधान के लिए जो कुछ भी बताया उसका जिक्र गरुड़ पुराण में किया गया है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि महिलाएं जब दो आवश्यक काम करतीं हों तब पुरुषों को उन्हें नहीं देखाना चाहिए.
स्नान के वक्त : गरुड़ पुराण के मुताबिक जब कोई महिला बिना वस्त्र के स्नान कर रहीं हों तब पुरुष को उन्हें नहीं देखना चाहिए. इस स्थिति में यदि परुष किसी महिला को देखता है तो वह पाप का भागी बनता है. जिस कारण उसके सारे पुण्य कर्म नष्ट हो जाते हैं. इतना ही नहीं ऐसे पुरुषों के नरक में भी कठोर सजा मिलती है.
स्तनपान के समय : महिलाएं स्तनपान के द्वारा अपने शिशु को आहार देती हैं. आहार ग्रहण करते वक्त शिशु मासूम और अबोध होता है. ऐसे में दूध पिलाते वक्त उनके स्तन को कभी नहीं देखना चाहिए. अगर कोई पुरुष गरुड़ पुराण के इस नियम का उलंघन करके बुरी नियत से देखता है तो वह बहुत बड़े पाप का भागीदार बनता है. ऐसे पापी पुरुष को मरनोपरांत नरक में कठोर यातनाएं झेलनी पड़ती है.
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