नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) से पूरी दुनिया परेशान है और हर इंसान इस समय एक ही सवाल पूछ रहा है कि आखिर कब इस संक्रमण से दुनिया को मुक्ति मिलेगी? लोगों के इसी सवाल का जवाब कुछ वैज्ञानिकों ने दिया है। कोरोना वायरस पर हुए ताजा शोध (Research on Coronavirus) में पता चला है कि वायरस मौसमी तौर पर प्रभावित करेगा, लेकिन गर्मियों के मौसम में भी पूरी तरह समाप्त नहीं होगा। मामले सालभर में कम ज्यादा होंगे, लेकिन खत्म नहीं होंगे। अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों और चीन के बीजिंग की अकैडमी ऑफ साइसेंस के वैज्ञानिकों ने दुनिया के नक्शे का विजुएल निरीक्षण किया है।
जिससे उन्हें ये पता चला है कि कोरोना वायरस (Is Coronavirus Coming to an End) के मामले भूमध्य रेखा के करीबी देशों में कम सामने आए हैं, जहां गर्मी और नमी अधिक पाई जाती है। जरनल साइंटिफिक सिपोर्ट्स में प्रकाशित इस अध्ययन में ये भी सामने आया है कि गर्मी के महीनों में कई देशों में कोरोना वायरस के कम मामले सामने आ सकते हैं (Will Coronavirus Ever End)। लेकिन सर्दियों में इनमें वृद्धि देखने को मिल सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे परिणाम परिकल्पना के अनुरूप हैं। इनमें पता चला है कि गर्मी और सूरज की तपन SARS-CoV-2 को फैलने से रोकती है।
उच्च तापमान बचाव का उपाय
हार्वर्ड के टीएच चेन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में कार्यरत और टीम का हिस्सा रहे डैविड ई। ब्लूम का कहना है कि यही सब बातें इससे पहले भी कई शोध में सामने आई हैं (Will Coronavirus Ever End)। लेकिन उनमें डाटा थोड़ा अलग रहा है। लेकिन शोध के परिणामों का मतलब यह कतई नहीं है कि संक्रमण गर्मी के दौरान खत्म हो जाएगा या फिर भूमध्य रेखा के करीब स्थित देशों को प्रभावित नहीं करेगा। शोधकर्ताओं ने कहा, ‘गर्मी में उच्च तापमान और अधिक तीव्र यूवी विकिरण SARS-CoV-2 को एक बचाव के उपाय के तौर पर देखा जा सकता है।’
117 देशों पर किया शोध
टीम ने 9 जनवरी 2021 तक दुनिया के 117 देशों में मिले कोविड मामलों और किसी देश की अक्षांश रेखा के उनपर पड़ने वाले प्रभाव के बीच का संबंध का पता लगाने की कोशिश की है (Coronavirus End Predictions)। इससे पता चला है कि धरती के भूमध्य रेखा से एक अक्षांश रेखा बढ़ने पर एक मिलियन (10 लाख की आबादी) की आबादी पर कोरोना वायरस के मामलों में 4.3 फीसदी की वृद्धि होती है। इसके साथ ही जो देश भूमध्य रेखा के पास स्थित हैं, उनमें 10 लाख की आबादी पर संक्रमण के मामले 33 फीसदी कम मिलने की संभावना रहती है। यानी संक्रमण अब मौसम के आधार पर कम या ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved