अपने बचाव में पत्नी का रोल शामिल करना महंगा पड़ा, कबूल लिया जुर्म
इंदौर। एक हवस के पुजारी ने बलात्कार (Rape) के केस में पत्नी (Wife) का रोल शामिल करते हुए बचने का प्रयास किया किंतु जुबान फिसली तो वह ताउम्र जेल की सलाखों के पीछे चले गया।
सूत्रों के अनुसार 14 फरवरी 2021 को धार जिले (Dhar District) का रहनेवाला मुजरिम राजेश पिता भुवानसिंह डाबर (25 वर्ष) यहां अपनी मुंहबोली बहन के घर आया था फिर बहन की 9 वर्षीय बच्ची को गर्मी की छुट्टियों में खिलाने के लिये अपने घर ले गया। इस दौरान बालिका की मां यानी फरियादी से बच्ची की बात कराने से बचता रहा, फिर 25 फरवरी 2021 को बालिका को फरियादिया के घर आकर उसके पास छोड़ गया। उसके जाने के बाद बालिका ने बताया कि मामा ने उसके साथ गंदा काम किया है। इस पर फरियादी ने एरोड्रम थाने (Aerodrum Police Station) में बलात्कार व पॉक्सो एक्ट (Poxo Act) की धाराओं में केस दर्ज कराया, जिस पर मुजरिम को गिरफ्तार किया गया था। मुजरिम के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत गठित विशेष अदालत में मुकदमा चला। जहां पहले तो यह कहकर मुजरिम ने बचाव लिया कि उसकी पत्नी के अवैध संबंध थ,े जिसकी उसे जानकारी थी। उसका मोबाईल (Mobile) गिरने के बाद फरियादिया के हाथ लगा तो वह उसे लौंटाने के एवज में 1200 रूपए मांग रही थी, जो नहीं देने पर उसे झूठे केस में फंसाया है। इसके बाद मुजरिम ने फिर नई कहानी गढ़ी। उसने कोर्ट में बयान देकर कहा कि घटनावाले दिन उसकी पत्नी उसे संबंध बनाने के लिये उकसा रही थी किंतु उसने लाचारी दिखाई और कोई पोर्न वीडियो नहीं मिल सका तो पत्नी उसके पास बालिका को ले आई, तब उसने गंदा काम किया। इस बयान में मुजरिम की जुबान फिसल गई और उसने खुद मंजूर कर लिया था कि उसने बालिका से खोटा काम किया था, ऐसे में वह सजा से नहीं बच सका। विशेष न्यायाधीश रश्मि वाल्टर ने उसे उम्रकैद की कठोर सजा सुनाई। कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट किया है कि यह सजा ताउम्र रहेंगी यानी मुजरिम के जिंदा रहने तक उसे जेल में ही रहना होगा। मुजरिम पर कुल चार हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है, साथ ही अदालत ने पीडि़ता को दो लाख रूपए का प्रतिकर दिलाने के लिये भी विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देशित किया है।
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