दमोह । पुलिसवालों को जब (When the Policemen) गांव की सडक पर (On the Village Road) भैंसों को हांकना पड़ा (Had to drive the Buffaloes) । यह वाकया सामने आया म.प्र. के दमोह जिले के जेरठ गांव में ।
अमूमन जब बच्चे पढते लिखते नही हैं तो माता-पिता एक डायलॉग मारते है और कहते हैं कि पढ़ेगा नहीं तो जानवर हांकने पड़ेंगे, लेकिन, अगर पढ़ लिखकर उसे पुलिस की वर्दी मिल जाए और उसका रुतबा भी हो, फिर भी जानवर हांकने पड़े तो भला आप क्या कहेंगे? म.प्र. के दमोह से कुछ ऐसी ही तश्वीरें सामने आई हैं, जब पुलिस वालों के हाँथ में डंडा तो था, लेकिन इस बार अपराधियों को डराने के लिए नहीं, बल्कि जानवरों को हांकने के लिए। गांव की सड़कों पर पुलिस के एक अफसर और उनके दो मातहत भैंसों को हांकते कैमरे में कैद हुए है। इन वर्दी वालों ने थोड़ा बहुत नहीं, बल्कि 5 से 7 किलोमीटर तक इन भैंसों को ऐसे ही हांका और फिर उन्हें पुलिस चौकी में बांध दिया।
दरअसल, अलसुबह जिले के जेरठ पुलिस चौकी प्रभारी आनंद अहिरवाल को सूचना मिली कि एक ट्रक में मवेशियो को भरकर तस्करी की जा रही है। चौकी प्रभारी ने दबिश दी तो ट्रक ड्रायवर ट्रक छोड़कर भाग गया और ट्रक हादसे का शिकार हो गया। जब जांच की गई तो उसमें क्रूरतापूर्वक भैंसे और पाड़े भरे हुए थे।
पुलिस ने इन जानवरों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला। अब इन भैंसों को सुरक्षित करना था, पुलिस चौकी की दूरी काफी थी और इन भैंसों को वहां तक ले जाने का कोई इंतजाम नही था फ़िर क्या था वर्दी वाले साहब और उनके सिपाही डंडा लेकर भेंसे हांकने लगे। कई दफा भैंसे खेतों में चली जाती तो उन्हें निकालना मुश्किल भी हुआ, लेकिन आखिरकार सभी जब्त की गई भैंसे पुलिस चौकी तक पहुंच गई। फिलहाल जेरठ पुलिस इस मामले में कार्यवाही कर रही है।
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