इंदौर (Indore)। पुलिस और बजरंग दल की आमने-सामने झड़प होने के बाद अब दोनों पक्षों की ओर से सोशल मीडिया पर इमोशनल वार चल रहा है। पुलिस लिख रही है कि खाकी का भी तो मान है ना। इस पर बजरंग दल की ओर से कहा गया है कि खाकी का पूरा सम्मान है, लेकिन ड्रग्स बेचने वालों के पक्ष में खड़े रहना गलत। हालांकि इस मामले में एडीजी स्तर की जांच पूर्ण हो गई है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार है।
पिछले दिनों पलासिया चौराहे पर जो कुछ हुआ, उसने बजरंगियों द्वारा किए गए प्रदर्शन के तरीके पर सवालिया निशान लगा दिया। एक से डेढ़ घंटे तक पलासिया चौराहा बजरंगियों द्वारा बंधक बनाकर रखा गया था। हालांकि बजरंगियों का कहना था कि यह सब पुलिस अधिकारियों की गलती से हुआ। अगर वे हमारी मांगें मान लेते तो यह सब नहीं होता। बजरंगियों पर लाठीचार्ज और उसके बाद किए गए विरोध के बाद डीसीपी धर्मेन्द्रसिंह भदौरिया को एपीटीसी तो पलासिया टीआई संजय वैश्य को लाइन अटैच कर दिया था। इस मामले में एडीजी विपिन माहेश्वरी जांच कर चुके हैं, लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों की ओर से इमोशनल वार शुरू हो चुका है और वे अपने-अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं। पुलिस ने अपनी वाट्सएप डीपी बदल दी है और उस पर लिखा है, खाकी का भी तो मान है ना। सभी अधिकारी और पुलिसकर्मी इस डीपी को लगा रहे हैं।
इसी बीच बजंरग दल ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट डालना शुरू कर दिया है। दल के प्रांतीय संगठन मंत्री सोहन विश्वकर्मा ने लिखा कि बजंरग दल पर प्राणघातक हमला करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें, वरना विहिप अपने चरणबद्ध आंदोलन को लेकर सडक़ों पर उतरेगा, वहीं एक अन्य पदाधिकारी द्वारा लिखा गया हैकि वर्दी का सम्मान है और रहेगा, लेकिन वर्दी की आड़ में युवाओं को ड्रग्स परोसने वालों को बचाना, ऐसे तो इंदौर को बर्बाद नहीं होने देंगे। एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि अपनी गलती छिपाने के लिए बजरंग दल को बदनाम नहीं करें, वहीं बजंरगियों ने यह भी लिखा है कि बजरंग दल वर्दी के साथ, लेकिन फर्जी का विरोध हमेशा रहेगा। हालांकि दोनों ही पक्षों का जांच रिपोर्ट का इंतजार है, जिसमें दोनों ही पक्षों ने अपनी ओर से एक-दूसरे को गलत बताते हुए मारपीट का आरोप लगाया है।
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